पंढरपुर मेले को लेकर सरकार ने बनाए खास नियम
punjabkesari.in Saturday, Jul 10, 2021 - 01:28 PM (IST)

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जिस तरह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को उड़ीसा के पुरी में जगन्नाथ यात्रा का आयोजन होता है ठीक उसी तरह प्रत्येक वर्ष आषाढ़ तथा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पंढरपुर की यात्रा निकाली जाती है। धार्मिक संप्रदाय के लोग यात्रा करते हैं। इस यात्रा को 'वारी देना' के नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष देवशयनी एकादशी के मौके पर पंढरपुर में लाखों लोग भगवान विट्ठल और रुक्मणी की महा पूजा होती है जिसे देखने के लिए लाखों की तदाद में लोग एकत्रित होते हैं।
कोरोना के चलते जैसे लगभग सभी धार्मिक यात्राएं कर दी जा रही है ठीक वैसे ही इस यात्रा को लेकर भी सरकार ने फैसला ले लिया है पूरे महाराष्ट्र में कोरोना के संक्रमण के चलते पंढरपुर मेले को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कुछ नियम बनाए हैं जिसके अनुसार 3 हफ्ते पहले सरकार ने घोषणा की थी कि भगवान विट्ठल के दर्शन करने से पहले वारकरियाें को कोविड-19 के दोनों टीके लगवाने होंगे। नगर अध्यक्ष साधना भोसले ने मांग की है कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज पूरी कर चुके वारकरियाें को ही पंढरपुर में प्रवेश करने दिया जाए। हालांकि सरकार ने आषाढ़ी एकादशी के लिए पंढरी जाने के नियमों की घोषणा की है परंतु वारकरी पैदल वारी पर जोर दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि पंढरपुर में कई महत्वपूर्ण मट्ठा में कोविड केयर सेंटर चल रही हैं। 2020 यानि पिछले साल पंढरपुर में पालकी का प्रभाव 3 दिन में समाप्त हुआ था परंतु इस साल पालकी 6 दिन पंढरपुर में रहेगी।
मेला और यात्रा-
पंढरपुर इस यात्रा व मेले में दूर-दूर से लोग यात्रा करने आते हैं। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के अवतार विठोबा और उनकी पत्नी रुक्मणी के सम्मान में पूरे शहर में वर्ष में चार बार त्यौहार मनाने के लिए एकत्रित होते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा श्रद्धालु आषाढ़ के महीने में फिर क्रमश कार्तिक महापौर श्रावण महीने में एकत्रित होते हैं। मान्यता है कि यह यात्राएं लगभग पिछले 800 सालों से लगातार आयोजित की जा रही है। भगवान विट्ठल के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से पताका-डिंडी लेकर लोग इस तीर्थ स्थल पर पैदल चलकर पहुंचते हैं। यात्रा के क्रम में लोग अलंडि में जमा होते हैं और पुणे तथा जजूरी होते हुए पंढरपुर पहुंचते हैं। इनको ज्ञानदेव माउली की डिंडी के नाम से जाना जाता है।