October 2025 Vrat Tyohar List: अक्टूबर में देखने को मिलेगी बहुत सारे त्योहारों की रौनक, देखें पूरी List
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 08:28 AM (IST)
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October 2025 Festival List: अक्टूबर 2025 व्रत और त्योहार सूची: अक्टूबर का महीना बहुत ही पावन और मंगलकारी रहेगा। धर्म और आस्था की दृष्टि से यह समय विशेष फल देने वाला माना गया है। शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद से लेकर दीपावली और छठ महापर्व तक इस महीने में हर दिन किसी न किसी व्रत-उपवास और त्योहार का महत्व रहेगा। दशहरा से दीपावली और छठ तक यह महीना पूर्ण रूप से धार्मिक उल्लास से भरा रहेगा। इन पर्वों पर श्रद्धा से पूजा, दान-पुण्य और परिवार सहित सुख-शांति का अनुभव होगा। आप भी इन व्रतों और त्योहारों की सही तिथि जानकर समय पर पूजा-अर्चना करें और धर्म लाभ प्राप्त करें। जिन घरों में श्रद्धा और भक्ति से पूजा होती है, वहां सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। इसलिए इस महीने आने वाले पर्वों की सही तिथि जानना और समय पर व्रत-पूजन करना अत्यंत आवश्यक है। आइए अब विस्तार से जानते हैं –

अक्टूबर 2025 के व्रत और प्रमुख पर्व
1 अक्टूबर (बुधवार) – महानवमी
माता दुर्गा की नवमी तिथि पर कन्या पूजन और हवन का बड़ा महत्व है।

2 अक्टूबर (गुरुवार) – दशहरा (विजयादशमी)
यह दिन धर्म की अधर्म पर विजय का प्रतीक है। भगवान श्रीराम ने इसी दिन रावण का वध किया था। रावण दहन कर लोग बुराई पर जीत का संदेश देते हैं।

3 अक्टूबर – पापांकुशा एकादशी
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपवास से पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

4 अक्टूबर – शनि प्रदोष व्रत
प्रदोषकाल में भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करने से रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं।

6 अक्टूबर – शरद पूर्णिमा (कोजागर पूजा)
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अमृत वर्षा करता है। इस दिन खीर बनाकर चांदनी में रखने और फिर प्रसाद के रूप में ग्रहण करने की परंपरा है।

7 अक्टूबर – वाल्मीकि जयंती और मीराबाई जयंती
महर्षि वाल्मीकि, जिन्होंने रामायण की रचना की और श्रीकृष्ण की महान भक्त मीराबाई की जयंती इस दिन मनाई जाती है।

8 अक्टूबर – कार्तिक मास की शुरुआत
कार्तिक महीना स्नान, दान और दीपदान के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

10 अक्टूबर – करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी
सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं। साथ ही इस दिन गणपति बप्पा की पूजा भी होती है।

13 अक्टूबर – अहोई अष्टमी
माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। तारों को देखकर पूजा की जाती है।
17 अक्टूबर – राम एकादशी और तुला संक्रांति
इस व्रत से जीवन से दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही गाय और बछड़े की पूजा भी की जाती है।

18 अक्टूबर – धनतेरस
धनतेरस पर घरों में दीप प्रज्वलित कर भगवान धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन खरीदारी भी शुभ मानी जाती है।

19 अक्टूबर – हनुमान जयंती
इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भय और संकट दूर होते हैं। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ विशेष फलदायी होता है।
20 अक्टूबर – नरक चतुर्दशी और दीपावली
नरकासुर वध की स्मृति में नरक चतुर्दशी और इसी दिन जगमग दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की पूजा इस दिन की जाती है।

21 अक्टूबर – कार्तिक अमावस्या
यह दिन पितरों के लिए तर्पण और दीपदान का श्रेष्ठ अवसर है।

22 अक्टूबर – गोवर्धन पूजा और अन्नकूट
श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। इस दिन अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है।
23 अक्टूबर – भाई दूज
बहनें भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए तिलक करती हैं।

25 अक्टूबर – विनायक चतुर्थी
गणपति जी की पूजा कर सभी विघ्न दूर करने की परंपरा है।

28 अक्टूबर – छठ महापर्व
यह सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व है। महिलाएं और पुरुष निर्जला व्रत रखते हैं और सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
31 अक्टूबर – अक्षय कूष्माण्ड नवमी
माता कूष्माण्डा की पूजा करने से घर-परिवार में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

