November Pradosh Vrat: आज इस शुभ मुहूर्त में करें प्रदोष व्रत की पूजा, भोले बाबा करेंगे मन की इच्छाएं पूरी
punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2024 - 01:11 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
November Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हर माह में दो बार यानी एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत देवों के देव महादेव को समर्पित है। प्रदोष की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 13 नवंबर यानी आज बुधवार के दिन रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन शिव जी की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Pradosh fast auspicious time प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
नवंबर माह के प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 13 नवंबर, 2024 यानी आज दोपहर 01 बजकर 01 मिनट होगी और इसका समापन 14 नवंबर, 2024 को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर होगी। प्रदोष काल में पूजन होने के कारण प्रदोष का व्रत 13 नवंबर को रखा जाएगा।
प्रदोष पूजा मुहूर्त- प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 28 मिनट रात 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।
Importance of Pradosh Vrat प्रदोष व्रत महत्व
सनातन धर्म में हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Pradosh Vrat Puja Vidhi प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
फिर पूजा घर को साफ करके गंगा जल का छिड़काव करें।
अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शिव जी और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
उसके बाद शिव जी को जल, फूल, अक्षत और बेलपत्र अर्पित करें।
शिव जी के सामने घी का दीपक जलाएं और उनके मंत्रों का जाप करें।
फिर शिव जी को फलों और मिठाई का भोग लगाएं।
अंत में शिव जी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें।