रहस्यों से भरा है वृंदावन का ये स्थान

punjabkesari.in Thursday, Nov 28, 2019 - 02:09 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
​​​​​​हमारे देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल है, जिनका अपने आप में एक अलग ही महत्व होता है। आज के समय में आप लोगों ने ऐसे बहुत से मंदिरों के बारे में सुना होगा, जहां मूर्तियां आकार बदलती है या फिर रंग बदलती हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे धार्मिक स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप शाम के बाद कोई नहीं जा सकता है। जी हां, सूरज ढलने पर वह स्थान बंद कर दिया जाता है। वहां इंसान तो क्या संध्या के बाद परिंदा भी पर नहीं मार सकता है और अगर कोई अंजाने में वहां रह जाए तो वह पागल या फिर मर जाता है। चलिए जानते हैं उस अनोखे धाम के बारे में। 
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भारत में कई ऐसी जगह हैं जो अपने आप में ही रहस्यमयी है। ऐसी ही एक जगह है वृंदावन में स्थित निधिवन। एक ऐसी जगह जिसका इतिहास बेहद दिलचस्प है। अगर आप कभी वृंदावन गए होगें तो इसके बारे में जरूर सुना होगा। निधिवन के बारे में मान्यता है की यहां आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते है। इसलिए यहां शाम के समय सूरज असत होने के बाद कोई नहीं ठहर सकता, यहां तक कि कोई पशु-पक्षी भी नहीं।  

मान्यता है कि शाम की आरती के बाद इस मंदिर के सारे कपाट बंद कर दिए जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद यहां आना-जाना मना होता है। मंदिर के पूजारी भी यहां नहीं रूकते। शाम के बाद इंसान तो क्या पक्षी भी यहां पर नहीं फड़कते। मंदिर के आस-पास जिन घरों के खिड़कियां दरवाजे निधिवन की तरफ है वो भी शाम के समय बंद कर दिए जाते हैं और कोई भी घर की छत पर भी नहीं चढ़ता। गलती से भी लोग इस तरफ नहीं देखते क्योंकि माना जाता हैं जिस किसी ने भी इस तरफ देखना चाहा तो वो या अंधा हो जाता है या उसके साथ कुछ बुरा हो जाता है।
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लोकमान्यता के अनुसार रात को यहां पायल के घुंघरू की आवाजें भी सुनाई देती हैं। निधिवन में 16000 पेड़ हैं, जिन्हें कृष्ण की गोपियां माना जाता है। कहा जाता है कि जब कान्हा राधा संग रास रचाते हैं तो ये पेड़ गोपियों का रूप धारण कर लेते हैं और फिर श्री कृष्ण के साथ रास लीला करती हैं। सुबह होते ही गोपियां दोबारा पेड़ के रूप में वापिस आ जाती हैं। इन पेड़ों की अजीब बात यह है कि जहां आमतौर पर पेड़ उपर की और बढ़ते हैं वहीं यहां स्थित पेड़ों की टहनियां नीचे की ओर झुकी हुई है। कहा जाता है कि ये नीचे झुक कर ब्रज भूमि को नमन करती हैं और इसी में समा जाना चाहती है।   
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निधिवन के अंदर ही एक रंगमहल है, पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर रोज़ रात को राधा-कृष्ण आते हैं। रंग महल में भगवान के लिए बिस्तर सजाया जाता है। पलंग के साथ पानी का लोटा और पान रखा जाता है। राधा रानी के लिए श्रृंगार का सामान रखा जाता है। महल में दातुन, प्रसाद रखा जाता है। कहते हैं कि जब सुबह मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो देखा जाता है कि सारा सामान इधर-उधर बिखरा है। बंद डब्बे में प्रसाद का खाया हुआ मिलता है। ये सब देख सभी हैरान रह जाते हैं और भक्तों के लिए ये किसी करिश्में से कम नहीं होता है। भक्तों की मानें तो भगवान आज भी यहां मौजुद हैं और रोज रात यहां आते हैं। जो लोग इस बात को अंधविश्वास मानते हैं और जिन लोगों ने छुपकर निधिवन का सच जानने व रास देखना चाहा है तो वो इंसान पागल हो जाता है, कोई अंधा गूंगा बन जाता है तो कईं लोग मोक्ष को प्राप्त करते हैं।


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