वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा: वास्तु दोषों के कारण संसद में हो रहा हंगामा और धक्का-मुक्की
punjabkesari.in Sunday, Dec 22, 2024 - 02:01 PM (IST)
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New Parliament Building vastu: शीतकालीन सत्र में 19 दिसम्बर, 2024 को नई संसद में डॉ. बी. आर. अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर सांसदों द्वारा जो हंगामा किया गया वह गुरुवार को धक्का-मुक्की में तब्दील हो गया, जिसमें दो सांसद घायल भी हो गए। पूरे प्रकरण में 6 सांसदों के नाम सामने आए हैं। इनमें 2 विपक्षी कांग्रेस और 4 सत्ताधारी बीजेपी के हैं। संसद में यह सब हो रहा है नई संसद की बनावट के महत्वपूर्ण वास्तुदोषों के कारण।
भारत की नई संसद बहुत भव्य और बहुत विशाल बनी है। किन्तु भारत के नए संसद भवन का प्लॉट ही सड़कों के कारण त्रिभुजाकार है, इस कारण प्लॉट के अंदर त्रिभुजाकार भवन का निर्माण किया गया है। जबकि भारतीय वास्तुशास्त्र में केवल वर्गाकार या आयताकार प्लॉट को ही शुभ बताया गया है, त्रिकोण आकार के प्लॉट को नहीं। नई संसद त्रिकोणाकार है, साथ ही इस के अंदर बनी बिल्डिंग में से दो बिल्डिंग एक लोकसभा के लिए और दूसरी राज्यसभा के लिए अर्ध वृत्ताकार है और एक षटकोणीय आकार की बिल्डिंग डायनिंग हॉल की है। इन तीनों के मध्य में एक त्रिकोणीय आकार की कान्सटीट्युशन गैलेरी भी बनी है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, त्रिभुजाकार प्लॉट पर बने भवन में रहने वाले हमेशा अपने शत्रुओं (विपक्ष) से परेशान रहते हैं। उन्हें शत्रुओं से निपटने में ही अपनी पूरी ऊर्जा लगानी पड़ती है। देश के संदर्भ में यह शत्रु देश के अंदर के भी हो सकते हैं और सीमा पार के भी।
त्रिकोणाकार के कारण नए संसद भवन की उत्तर दिशा में जहां एक ओर उत्तर के साथ मिलकर उत्तर-वायव्य का बढ़ाव है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण दिशा में दक्षिण दिशा के साथ मिलकर दक्षिण-नैऋत्य का बढ़ाव है। जबकि पूर्व और पश्चिम दिशा सीधी है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, यदि उत्तर के साथ मिलकर वायव्य में बढ़ाव होता है तो ऐसे भवन में रहने वालों की आर्थिक स्थिति खराब रहती है, (देश के संदर्भ में संसद के कारण पूरे देश की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव), सुख का अभाव, तनाव, संतान का नष्ट (देश के नागरिक), अपमान, मानसिक अशान्ति और दुःख से पीड़ा होती है। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण के साथ मिलकर अगर नैऋत्य में बढ़ाव हो तो वहां रहने वाले प्राण-भय और अकाल मृत्यु के भय से पीड़ित रहते हैं।
उपरोक्त वास्तुदोषों के कारण ही जब से प्रधानमंत्री मोदी ने नई संसद ‘सेण्ट्रल विस्टा’ का उद्घाटन किया, तब से संसद भवन को लेकर कोई न कोई विवाद की स्थिति बनी हुई है। नई संसद के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को न बुलाने तथा उनसे उद्घाटन न करवाने पर पूरे विपक्ष ने उद्घाटन का ही बॉयकाट कर दिया। बिना विपक्ष और बिना राष्ट्रपति की उपस्थिति में ही मोदी जी ने नई संसद का उद्घाटन किया। उद्घाटन के दिन ही गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान बेटियों के साथ विवाद की स्थिति भी बनी। देखने में आ रहा है कि उद्घाटन के बाद से ही देश में विवाद की स्थितियां बन रही हैं।
आज तो हद ही हो गई जब संसद में सांसदों द्वारा हंगामे के साथ-साथ धक्कामुक्की भी हुई और बात थाने तक पहुंच गई, पुरानी संसद भवन में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था। नई संसद के वास्तुदोष अपना प्रभाव दिखाने लगे हैं और निश्चित ही भविष्य में इन्हीं वास्तुदोषों के प्रभाव संसद के हर सत्र में देशवासियों को हमेशा देखने को मिलेंगे।
वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
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