Kundli Tv- इस खंडित चीज़ से कभी न करें, भोलेनाथ की पूजा वरना...

punjabkesari.in Sunday, Jul 15, 2018 - 02:47 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें VIDEO)

PunjabKesari

महादेव त्रिदेवों में से एक देव हैं। इन्हें देवों के देव भी कहा जाता हैं। भगवान शिव जिनके आराध्य हो या कोई साधक उनकी साधना करता हो तो उनके बारे में कई तरह के भाव मन में आते है। भगवान रौद्र और सौम्य प्रकृति के रुप में जाने जाते हैं। यह सबसे भोले है और जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए इन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। अगर कोई भी इनकी आराधना सच्चे मन से करे तो वो भोले बाबा को खुश करने के लिए बहुत है। इनकी पूजा में शिवलिंग अभिषेक और उन पर अर्पित की जाने वाले चीजें अलग-अलग महत्व रखती हैं। आइए जानें वह चीजें कौन सी और कैसी होनी चाहिए। 

PunjabKesari
अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है इसल‌िए श‌िव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि चावल टूटे हुए न हो।  

शिवलिंग पर पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए। पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण होता है। शिवरात्री के दिनें में जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए।

PunjabKesari
शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र अर्पित करें। टूटे या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। 

PunjabKesari
भगवान शिव को दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, घी, चीनी और जल का प्रयोग करते हुए तिलक लगाएं। भोलेनाथ को इत्र भी अर्पित कर सकते हैं। 

माना जाता है कि शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा पर सिर्फ सफे़द रंग के फूल ही चढ़ाने चाहिए क्योंकि भोलेनाथ को सफे़द रंग के ही फूल प्रिय हैं।

PunjabKesari
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं। शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम का तिलक नहीं लगाना चाहिए।

WOW ! अगर इन Letter से शुरू होता है आपके Partner का नाम तो खुशनसीब हैं आप (देखें VIDEO)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News