Life में कभी न करें इनका अपमान वरना खतरनाक हो सकता है इसका परिणाम

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 12:36 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
श्रीमद् भागवत में मनुष्य के जीवन को लेकर कई नीतियों के बारे में बताया गया है। कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति उसे अपने जीवन में उतार ले तो उसकी लाइफ से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। भगवान कृष्ण ने अपने उपदेशों में ऐसी ही एक नीति बताई है यानि ऐसे लोगों के बारे में बताया है जिनका जीवन में कभी अपमान नहीं करना चाहिए। वरना इंसान को इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं। 

श्लोक
यदा देवेषु वेदेषु गोषु विप्रेषु साधुषु।
धर्मो मयि च विद्वेषः स वा आशु विनश्यित।। 
अर्थात-
जो व्यक्ति देवताओं, वेदों, गौ, ब्रह्माणों, साधुओं और धर्म के कामों के बारे में बुरा सोचता है, उसका जल्दी ही नाश हो जाता है।
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देवताओं
कहते हैं कि रावण ने सभी देवताओं को अपना शत्रु मान कर उनका अपमान किया था और अंत में उसका परिणाम भी उसे भुगतना पड़ा था। इसलिए कहा जाता है कि किसी को भी देवताओं के लिए मन में द्वेष की भावना नहीं आने देना चाहिए। चाहे किसी भी परिस्थिति का सामना क्यों न करना पड़ रहा हो, लेकिन हमेशा भगवान पर विश्वास रखना चाहिए।

वेदों
असुर हमेशा से ही देवताओं को अपना शत्रु मानते आए थें। वे हमेशा कुछ न कुछ करके देवताओं को परेशान करके के बारे में सोचते रहते थे। कई असुरों ने भगवान ब्रह्मा से वेदों को छिनने और उन्हें नष्ट करने की भी कोशिश की। जिन-जिन असुरों ने वेदों का सम्मान नहीं किया, उन्हें खुद भगवान मे दण्ड़ दिया है। 

गौ हत्या
बलासुर, जोकि एक असपर था और  उसने देवताओं की सभी गायों का अपहरण कर लिया और उन्हें पीड़ा देने लगा। जब देवराज इन्द्र को इस बात का पता चला तो गायों को कष्ट पहुंचाने के दण्ड स्वरूप बलासुर का वध कर दिया और सभी गायों को उसके बंधन से मुक्त करवाया। 
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ब्राह्मण
एक बार ऋषि मैत्रेय धृतराष्ट्र से मिलने के लिए उनके महल में आए थे। धृतराष्ट्र और उनके पुत्रों ने ऋषि का बहुत स्वागत-सत्कार किया। महर्षि मैत्रेय दुर्योधन को अधर्म और जलन की भावना छोड़ कर धर्म का साथ देने को कहा। वे उसे पांडवों से दुश्मनी छोड़ कर मित्रता करने को कहने लगे। ऋषि की बात का अपमान करते हुए दुर्योधन उन पर हंसने लगा। इस अपमान से क्रोधित होकर ऋषि ने दुर्योधन को युद्ध में मारे जाने का श्राप दे दिया था। हर किसी को ऋषियों और साधुओं का हमेशा सम्मान करना चाहिए। 


 


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