Navratri: नवरात्र की 9 रातों का नवग्रह से है गहरा संबंध, आप भी दूर करें अपने कष्ट

punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 12:15 PM (IST)

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Navratri 2025: जीवन को अगर नौ हिस्सों में विभाजित किया जाए तो जीवन के नवरंग का निर्माण होता है। इन्ही नवरंग को दर्शाता है नवरात्री का पर्व। मां कि कोख से जन्म लेने के उपरांत पंचमहाभूतों के यथार्थ में सामने तक का सफर ही जीवनी के नवरंग हैं। बालपन से लेकर मरनोपरांत तक जीवन के नवरंग इस प्रकृति का ही हिस्सा हैं। ये जीवन कि अवस्थाएं हम सभी के जीवन में आती ही हैं तथा हर अवस्था से संबंधित रहते हैं नवग्रह। इसी भांति नवरात्र कि नौ रातें जीवन के नौ पड़ाव हैं, जिनका संबंध हर एक अलग-अलग ग्रह से है। आइए समझते हैं कालचक्र कि इस निश्चित नवधा को। 

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Effects of the 9 goddesses on 9 different aspects of life during Navratri नवरात्रि में 9 देवियों के जीवन के 9 अलग-अलग स्थान पर प्रभाव
शैलपुत्री: मानव मन पर अधिपत्य रखती पहली दुर्गा चंद्र स्वरूपा देवी शैलपुत्री शाश्वत जीवन में ये स्वरुप है उस नवजात शिशु का जिसने, जो अबोध है, निष्पाप है जिसका मन निर्मल है।
उपाय: मनोविकार से मुक्ति के लिए मां शैलपुत्री को सफेद कनेर के फूल चढ़ाएं। 

ब्रह्मचारिणी: तामसिक इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करती दूसरी दुर्गा मंगल स्वरूपा देवी ब्रह्मचारिणी शाश्वत जीवन में ये स्वरुप है उस बच्चे का जो अब बड़ा हो रहा है, विद्यार्थी है और जिसका जीवन ही ज्ञान स्वरूप है।
उपाय: शक्ति प्राप्ति के लिए मां ब्रह्मचारिणी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। 

चन्द्रघण्टा: कामोत्तेजना को वश में रखती तीसरी दुर्गा शुक्र स्वरूपा देवी चंद्रघंटा शाश्वत जीवन में ये स्वरूप उस नवयौवना का है जिसमें प्रेम का भाव जागृत है तथा जो व्यसक कि श्रेणी में आ गया है। 
उपाय: प्रेम में सफलता के लिए मां चंद्रघंटा को चमेली का इत्र चढ़ाएं। 

कूष्मांडा: जीवनी शक्ति का संचरण करती चौथी दुर्गा सूर्य स्वरूपा देवी कूष्मांडा शाश्वत जीवन में ये स्वरुप उस विवाहित स्त्री और पुरुष का है जिसके गर्भ में नवजीवन पनप रहा है अर्थात जो अपनी गर्भावस्था में है। 
उपाय: संतान सुख कि प्राप्ति के लिए मां कूष्मांडा पर जायफल चढ़ाएं। 

स्कंदमाता: पालन शक्ति का संचरण करती पांचवीं दुर्गा बुद्ध स्वरूपा देवी स्कंदमाता यशाश्वत जीवन में ये स्वरुप उस महिला अथवा पुरुष का है। जो माता-पिता बनकर अपने बच्चों का लालन-पोषण करते हैं। 
उपाय: संतान कि सफलता के लिए स्कंदमाता पर मेहंदी चढ़ाएं। 

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कात्यायनी: पारिवारिक जीवन का निर्वाहन करती षष्टम दुर्गा बृहस्पति रूपा देवी कात्यायनी शाश्वत जीवन में ये स्वरुप उस अधेड़ महिला अथवा पुरुष का है। जो परिवार में रहकर अपनी पीढ़ी का भविष्य संवार रहे हैं।
उपाय: पारिवारिक सुख-शांति के लिए मां कात्यायनी पर साबुत हल्दी कि गाठें चढ़ाएं। 

कालरात्रि: वृद्धावस्था का अनुभव लिए सप्तम दुर्गा शनि स्वरूपा देवी कालरात्रि शाश्वत जीवन में ये स्वरुप उस वृद्ध महिला अथवा पुरुष का है। जो पौत्रों-पौत्री के सुख के लिए जी रहा है और काल (मृत्यु) से लड़ रहा है। 
उपाय: मृत्यु भय से मुक्ति के लिए मां कालरात्रि पर काले चने का भोग लगाएं। 

महागौरी: मृतावस्था का चोला पहने अष्टम दुर्गा राहू स्वरूपा देवी महागौरी शाश्वत जीवन में ये स्वरुप उस मरणासन्न प्राप्त उस वयोवृद्ध महिला अथवा पुरुष का है जो कफन पहने हैं तथा अर्थी पर सवार हो मृत पड़ा है।
उपाय: सदगति कि प्राप्ति के लिए मां महागौरी पर सौंठ चढ़ाएं।

सिद्धिदात्री: सिद्धार्थ प्राप्त पंच महाभूत में विलीन नवम दुर्गा केतु स्वरूप सिद्धिदात्री शाश्वत जीवन में ये स्वरुप उस देह त्याग कर चुकी उस आत्मा का है जिसने जीवन में सर्व सिद्धि प्राप्त करके स्वयं को परमेश्वर में विलीन कर लिया है। 
उपाय: मोक्ष की प्राप्ति के लिए मां सिद्धिदात्री पर केले का भोग लगाएं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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