Narad Ghat: यहां स्नान करने से परिवार में बढ़ जाती है कड़वाहट ! जानें इस घाट का रहस्य
punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 09:22 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Narad Ghat: भारत एक ऐसा देश है जहां हर नदी, घाट और तीर्थ स्थान से कई मान्यताएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, ऐसे ही रहस्यमयी स्थानों में से एक है। वाराणसी में स्थित नारद घाट के बारे में एक दिलचस्प मान्यता प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि इस घाट पर स्नान करने से परिवार में कलह और विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। आखिर क्या है इस मान्यता का रहस्य ? तो चलिए जानते हैं-
नारद घाट का ऐतिहासिक महत्व
शास्त्रों में गंगा घाट का विशेष महत्व बताया गया है। बनारस में गंगा नदी के किनारे कुल 84 घाट स्थित हैं, और प्रत्येक घाट का अपना अलग महत्त्व और रहस्य है। इन्हीं घाटों में से एक है नारद घाट, जो अपने अनोखे विश्वास के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि नारद घाट पर स्नान करने से पारिवारिक रिश्तों में खटास आ जाती है। मान्यता है कि यदि पति-पत्नी, सास-बहू, ननद-भाभी, भाई-बहन जैसे करीबी रिश्ते इस घाट पर एक साथ स्नान करते हैं, तो उनके बीच मतभेद और दूरियां बढ़ने लगती हैं। इस कारण लोग यहां परिवार के साथ स्नान करने से बचते हैं।
नारद घाट को लेकर एक रोचक मान्यता प्रचलित है। मान्यताओं के अनुसार नारद मुनि हमेशा एक जगह की बात दूसरी जगह करते थे, जिस वजह से युद्ध वाली स्थितियां उत्पन्न हो जाती थीं, इसी कारण इस घाट पर स्नान करने का असर भी कुछ ऐसा ही माना जाता है। लोग विश्वास करते हैं कि यहां स्नान करने से उनके जीवन में भी आपसी मतभेद और कलह उत्पन्न हो जाती है।हालांकि, नारद घाट सिर्फ एक साधारण घाट नहीं है। यहां एक प्राचीन शिवलिंग भी स्थित है, जिसे स्वयं नारद मुनि ने स्थापित किया था इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह घाट काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
नारद घाट पर स्थित शिवलिंग को नारदेश्वर शिव के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, नारद मुनि ब्रह्मचारी थे और यहां भगवान शिव की तपस्या की थी और यहां पर शिवलिंग का निर्माण किया था।
भगवान शिव द्वारा दिए गए आशीर्वाद के अनुसार जो यहां स्नान करेगा उसे आध्यात्मिक बल की प्राप्ति होगी। लेकिन इसी के साथ आपको बता दें कि साधु-संतों के अलावा यदि कोई घरेलु व्यक्ति यहां स्नान करता है, उसे घर-परिवार में कलह-कलेश का सामना करना पड़ता है।