नंद उत्सव: आज रात तक करें 9 उपाय, ग्रहों के कोप से छुटकारा दिलाएंगे नवग्रह
punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 01:50 PM (IST)
Nand utsav: नंदोत्सव की नवमी पर इस विशिष्ट लेख के माध्यम से हम आपको श्री कृष्ण नंदगोपाल से संबंधित कुछ विशिष्ट उपाय बता रहे हैं। जिन्हें अपनाकर आप नवग्रह से संबंधित दोष पीड़ा और व्याधियों का अपने जीवन से सफाया कर सकते हैं। सर्वप्रथम श्री बालगोपाल का विधिवत दीप, धूप, पुष्प, गंध और शहद से पंचोउपचार पूजन करें तत्पश्चात इन उपायों को करके अपने कष्टों से मुक्ति पाएं।
नवग्रह के नौ उपाय
सूर्य: सूर्य ग्रह की शांति के लिए बाल गोपाल की मूर्ति का यह मंत्र बोलते हुए शहद से अभिषेक करें।
मंत्र: वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम्। सानन्दं सुंदरम् शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम्।।
चंद्रमा: चंद्रमा ग्रह की शांति के लिए श्रीकृष्ण लाला का यह मंत्र बोलते हुए फलों के रस से अभिषेक करें।
मंत्र: राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम्। राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम्।।
मंगल: मंगल ग्रह की शांति के लिए यह मंत्र बोलते हुए श्रीकृष्ण लाला पर लाल फूलों की पुष्पांजलि अर्पित करें।
मंत्र: यं सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम्। योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम्।।
बुद्ध: बुद्ध ग्रह की शांति के लिए बाल गोपाल की मूर्ति का यह मंत्र बोलते हुए मिश्री मिले जल से अभिषेक करें।
मंत्र: सेवन्ते सततं सन्तो ब्रह्मेशशेषसज्ञकाः। सेवन्ते निर्गुणं ब्रह्म भगवन्तं सनातनम्।।
गुरु: गुरु ग्रह की शांति के लिए श्रीकृष्ण लाला का यह मंत्र बोलते हुए केसर मिले जल से अभिषेक करें।
मंत्र: बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम्। वेदावेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम्।।
शुक्र: शुक्र ग्रह की शांति के लिए बाल गोपाल की मूर्ति का यह मंत्र बोलते हुए इत्र से अभिषेक करें।
मंत्र: राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं बल्लवीसुतम्। राधासेवितपादाब्जं राधावक्षःस्थलस्थितम्।।
शनि: शनि ग्रह की शांति के लिए यह मंत्र बोलते हुए श्रीकृष्ण लाला पर बादाम चढाएं।
मंत्र: ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम्। तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम्।।
राहू: राहू ग्रह की शांति के लिए यह मंत्र बोलते हुए श्रीकृष्ण लाला पर तिल चढाएं।
मंत्र: योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम्। इत्येवमुक्त्वा गन्धर्वः पपात धरणीतले।।
केतु: केतु ग्रह की शांति के लिए यह मंत्र बोलते हुए श्री बाल गोपाल पर केले अर्पित करें।
मंत्र: निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम्। नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम्।।