Nag Panchami 2023: नागपंचमी के दिन पीटी जाती है गुड़िया, ये है इसके पीछे का रहस्य

punjabkesari.in Thursday, Aug 10, 2023 - 08:41 AM (IST)

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Nag Panchami 2023: हिंदू पंचांग के मुताबिक श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। इस बार 2023 में 21 अगस्त को नाग पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन नागों की पूजा की जाती है और उन्हें दूध का भोग लगाया जाता है। नागपंचमी के दिन नाग देवता के साथ महादेव की पूजा करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं देखनी पड़ती। कई जगह पर इसे गुड़िया का पर्व भी कहा जाता है और मेले का आयोजन भी होता है। वहीं इसी के साथ उत्तरप्रदेश में नागपंचमी को बहुत ही अलग तरीके से मनाते हैं और गुड़िया भी पीटते हैं। तो आइए जानते हैं इस रस्म में बारे में विस्तार से।

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Why are dolls beaten on the day of Nag Panchami नाग पंचमी के दिन क्यों पीटी जाती है गुड़िया ?
भारत देश अपनी संस्कृति और त्योहारों के रूप में जाना जाता है। हर जगह के लोग हर त्यौहार को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी नाग पंचमी को मनाने का तरीका बहुत अनूठा है। इस दिन महिलाएं व बहनें घर में रखें पुराने कपड़ों की गुड़िया बनाती हैं और चौराहे पर रख देती हैं। इसके बाद बच्चे और भाई उसे डंडों से पीटते हैं। इस प्रथा के पीछे भी बहुत सी कथाएं प्रचलित हैं।

ये कथा भाई-बहन से जुड़ी है। एक लड़का महादेव का बहुत बड़ा परमभक्त था। वो जब भी मंदिर जाता था, उसे वहां नागदेवता के दर्शन होते थे। वह लड़का प्रतिदिन उस सांप को दूध पिलाने लगा। जिस वजह से उन दोनों के बीच प्रेम दिन ब दिन बढ़ता चला गया है। एक बार उस लड़के की बहन भी उसके साथ मंदिर गई, तभी वह सांप उस लड़के के पैर से लिपट गया। ये दृश्य देखने के बाद लड़की घबरा गई और उसे लगा वो सांप उसके भाई को डस रहा है। अपने भाई की जान बचाने के लिए उसने नाग को पीट-पीट कर मार डाला।

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इसके बाद भाई ने सारी कथा अपनी बहन को सुनाई ये सुनकर वो रोने लगी लेकिन वहां के लोगों ने कहा सांप नाग देवता का रूप होते हैं और तुमने उसे मार दिया है। तो तुम्हें इसकी सजा जरूर मिलेगी। माना जाता है कि इसी के बाद से ही नागपंचमी के दिन उस लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाता है।

Nag panchami story दूसरी कथा के अनुसार
तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। इसके कुछ समय बाद तक्षक नाग की चौथी पीढ़ी की बेटी की शादी राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में हुई। जब वो लड़की शादी करके दूसरे घर गई। उसने यह सारी बात एक सेविका को बता दी और उससे कहा कि ये बात किसी से न बोलें लेकिन सेविका के पेट में ये बात न पची और उसने ये बात दूसरी महिला को बता दी। धीरे-धीरे देखते-देखते यह बात पूरे नगर में फैल गई। जब यह बात तक्षक के राजा को पता चली तो उसने क्रोध में आकर नगर की सभी लड़कियों को चौराहे पर इकट्ठा होने का आदेश देकर कोड़ों से पिटवा कर मरवा दिया। तभी से ये परंपरा चली आ रही है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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