Muni Shri Tarun Sagar: किसी के गुजर जाने से किसी का गुजारा नहीं रुकता

punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 12:44 PM (IST)

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दो पुण्य जरूर करें
लक्ष्मी पुण्याई से मिलती है। मेहनत से मिलती हो तो मजदूरों के पास क्यों नहीं? बुद्धि से मिलती हो तो पंडितों के पास क्यों नहीं ? जिंदगी में अच्छी संतान, सम्पत्ति और सफलता पुण्य से मिलती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका इहलोक और परलोक सुखमय रहे तो पूरे दिन में कम से कम दो पुण्य जरूर करिए क्योंकि जिंदगी में सुख, सम्पत्ति और सफलता पुण्याई से मिलती है।

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सबसे बड़ा शिक्षालय
बुजुर्गों की संगति करो क्योंकि बुजुर्गों के चेहरे की एक-एक झुर्री पर हजार-हजार अनुभव लिखे होते हैं। उनके कांपते हुए हाथ, हिलती हुई गर्दन, लड़खड़ाते हुए कदम और मुरझाया हुआ चेहरा संदेश देता है कि जो भी शुभ करना है वह आज, अभी और इसी वक्त कर लो, कल कुछ नहीं कर पाओगे।

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सवाल के जवाब
बूढ़ा इंसान इस पृथ्वी का सबसे बड़ा शिक्षालय है क्योंकि उसे देख कर उगते सूरज की डूबती कहानी का बोध होता है।

एक मूर्ख ने दूसरे मूर्ख से कहा : अगर तुम यह बता दो कि मेरी झोली में क्या है ? तो सारे अंडे तुम्हारे और अगर यह बता दो कि गिनती में कितने हैं ? तो आठ के आठ अंडे तुम्हारे और अगर तुमने यह बता दिया कि अंडे किस जानवर के हैं? तो मुर्गी भी तुम्हारी।

दूसरे मूर्ख ने कहा : यार कुछ संकेत तो कर। बड़ा जटिल सवाल है। हमारी जिंदगी के हर सवाल के जवाब भी हमारी जिंदगी में छिपे हैं। फिर भी हम समझ कहां पाते हैं।

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तुम्हीं वह छिपकली हो
मैंने देखा कमरे की छत पर एक छिपकली उल्टी लटकी थी। पूछा, ‘‘क्या बात है, छत से उल्टी क्यों लटकी हो? नीचे क्यों नहीं आती?’’

छिपकली ने कहा, ‘‘मुनिश्री, इस छत को मैंने संभाल रखा है। अगर मैं यहां से हट गई तो यह छत नीचे गिर जाएगी।’’

वह छिपकली और कोई नहीं, तुम्हीं हो। तुम भी तो इसी भ्रम में जी रहे हो कि इस घर-गृहस्थी को मैंने संभाल रखा है अगर मैं न रहा तो सब गड्डमड्ड हो जाएगा। याद रखें किसी के गुजर जाने से किसी का गुजारा नहीं रुकता।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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