Muni Shri Tarun Sagar: कड़वे प्रवचन लेकिन मीठे बोल
punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2024 - 11:28 AM (IST)
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शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
दुख में घबराना नहीं
जिंदगी कोई ‘आईपॉड’ नहीं कि जो गीत पसंद हो, लगाया और सुन लिया। जिंदगी तो रेडियो है। बटन घुमाते जाइए-घुमाते जाइए, कभी न कभी तुम्हारा पसंदीदा गीत जरूर लग जाएगा। जिंदगी में दुख आएं तो घबराइए मत बल्कि हिम्मत से काम लीजिए। अंधेरा ढलने को है, रात जाने को है, सूरज उगने का इंतजार करें। आखिर दूध के फटने पर वे ही दुखी होते हैं जिन्हें रसगुल्ला (छेना) बनाना नहीं आता।
हर आदमी भारत है
आदमी चलता-फिरता भारत है। तुम अपने दोनों हाथ कूल्हे पर रख कर खड़े हो जाओ तो स्वत: भारत का नक्शा बन जाएगा। तुम्हारा दाहिना हिस्सा राजस्थान तो बाईं ओर बिहार व उड़ीसा है। पेट मध्य प्रदेश है, पैर तमिलनाडु तो छाती उत्तर प्रदेश है। इसके आसपास ही कहीं दिल है जिसे दिल्ली कहते हैं। गला पंजाब है। माथा जम्मू-कश्मीर है शायद इसलिए वह आज भी सिरदर्द बना हुआ है, फिर भी भारत में रहने वाला हर आदमी भारत है।
आत्मा राष्ट्रपति है
हमारा शरीर सरकार जैसा है, जिसमें प्राण प्रधानमंत्री की हैसियत से तथा इंद्रियां अपने-अपने क्षेत्र की सांसद हैं। जैसे कोई सांसद इस्तीफा दे दे तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन प्रधानमंत्री इस्तीफा दे तो सरकार का गिरना निश्चित है। वैसे ही इंद्रियां चली जाएं तो आदमी मर नहीं जाता लेकिन प्राण चले जाएं तो सब खत्म। आत्मा राष्ट्रपति है। वह सब देखती है, अनुचित को रोकने की कोशिश भी करती है पर जब कोई उसकी न माने तो वह क्या करे?
बच्चों में संस्कार
अब धर्मस्थलों से भी ज्यादा बच्चों का नवनिर्माण करने वाले मंदिरों की जरूरत है। अगर बच्चे संस्कारित नहीं हुए तो भगवान के मंदिर में जाएगा कौन ? पहले कहा जाता था कि अमुक बच्चा अपने बाप पर गया, अमुक बच्चा अपनी मां पर गया है। यदि बच्चों को संस्कारित नहीं किया गया तो आने वाले समय में कहा जाएगा कि अमुक बच्चा फलां टी.वी. पर गया है और अमुक फलां टी.वी. पर और ये निखट्टू तो फैशन टी.वी. पर गया है।