Muni Shri Tarun Sagar- अच्छा पुत्र वह नहीं जो मां-बाप को अपने पास रखता है, बल्कि
punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2023 - 09:13 AM (IST)
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शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अच्छा कौन
जीवन में तीन चीजों का मिलना कठिन है- अच्छी पत्नी, अच्छा पुत्र और अच्छा पड़ोसी। पत्नी और धर्मपत्नी में फर्क है। जो पतन के मार्ग पर ले जाए, वह पत्नी है और जो खुद धर्म के पथ पर चले और पति को चलने के लिए प्रेरित करे, वह धर्मपत्नी है।
अच्छा पुत्र वह नहीं जो मां-बाप को अपने पास रखता है, बल्कि वह है जो खुद मां-बाप के पास रहता है।
अच्छे पड़ोसी से बढ़कर अच्छा कोई मित्र नहीं। हम मित्रों के बिना तो जी सकते हैं, अच्छे पड़ोसी के बिना नहीं। संतों का पड़ोसी ईश्वर है। आपका पड़ोसी कौन है ?
आधा सच और पूरा सच
बाप के मरने पर बेटा दुखी होता है। यह अर्ध सत्य है। पूरा सत्य तो यह है कि सिर्फ गरीब बाप के मरने पर बेटा दुखी होता है। अमीर बाप के मरने पर बेटा दुखी नहीं होता। हां, दुख प्रकट जरूर करता है लेकिन वह दुख ऊपरी होता है। भीतर तो एक रस होता है कि अब मैं इस सम्पत्ति का मालिक बन गया।
और अगर बेटे को पता चले कि बाप फिर जिंदा हो गया है, तो माजरा क्या होगा? आप समझ सकते हैं।
अमीर हो या गरीब, दोनों के सामने समस्या एक ही है। गरीब के सामने समस्या है कि भूख लगे तो क्या खाएं ? अमीर के सामने समस्या है कि क्या खाएं तो भूख लगे ?
समस्या
युवा हो या बूढ़ा, समस्या दोनों के सामने है। युवा की समस्या है कि क्या करें, समय नहीं मिलता। बूढ़े की समस्या है कि क्या करें, समय नहीं कटता।
आम आदमी हो या खास आदमी-समस्याएं दोनों के जीवन में हैं। आम आदमी की समस्या है कि आज क्या पहने ? खास आदमी की समस्या है कि आज क्या-क्या पहने ?
संसार में कोई भी संतुष्ट नहीं है। गरीब अमीर होना चाहते हैं, अमीर सुंदर होना चाहते हैं। कुंवारे शादी करना चाहते हैं और शादीशुदा मरना चाहते हैं।