Motivational Concept: सीखने-सिखाने के लिए किसी की हैसियत नहीं देखी जाती

punjabkesari.in Friday, Oct 07, 2022 - 11:33 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूनानी विचारक डायोजिनीज अपने जीवन में काफी घूमे। वे सुकरात के शिष्य थे और उनके विचारों से बहुत प्रभावित थे। वे भी गुरु की तरह ही लोगों की मदद करते थे। वे अपने व्यक्तित्व में सुधार के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे। कभी वे फूलों के पास जाकर, उससे बात करते तो कभी, यूं ही समुद्र के किनारे शांत मन से आंखें बंद करके ध्यान में लग जाते और अपने मन को नियंत्रित करने का प्रयास करते थे। एक दिन वे एक पत्थर की मूर्ति के पास गए और उससे बातें करने लगे। एक युवक वहां से गुजरा। उसने डायोजिनीज को पत्थर की मूर्ति से बात करते देखा। वह व्यक्ति, उनसे परिचित था। वह डायोजिनीज को देखकर हैरान रह गया कि इतने बुद्धिमान आदमी निर्जीव पत्थर से कैसे बात कर रहे हैं?

वह उनके पास जाकर बोला-महानुभाव आपसे मुझे यह उम्मीद नहीं थी। एक मामूली पत्थर से बात करने का आखिर क्या मतलब है? 

किसी पत्थर से आप शराफत से बात करो या बदतमीजी से वह शांत ही रहेगा। युवक की बात सुनकर डायोजिनीज मुस्कुरा कर बोले-बिल्कुल सही कहा, तुमने कहां भला एक पत्थर क्या जवाब देगा? 
 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari

वह तो शांत ही रहेगा तो मैं भी इस पत्थर से यही सीखने का प्रयास कर रहा हूं। मैं इस पत्थर के गुण को अपने में धारण करने की कोशिश कर रहा हूं।

यदि कोई मुझे गालियां दे या अनुचित बात करे तो मुझे इस पत्थर की तरह ही शांत रहना है। हर हालत में शांत बने रहना है। एक पत्थर से बेहतर यह सीख और कौन दे सकता है? 

और कोई हो तो मुझे भी बताओ। मैं उसके पास सीखने के लिए जाऊंगा। युवक डायोजिनीज की बात सुनकर दंग रह गया और मन ही मन उनकी सोच के प्रति नतमस्तक हो उठा। उसके बाद उसकी डायोजिनीज के प्रति श्रद्धा और बढ़ गई। वह समझ गया कि जीवन में छोटे से छोटे आदमी से हम कुछ न कुछ जरूर सीख सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News