Motivational Concept: संसार में सबसे बड़ा धन निरोगी काया
punjabkesari.in Friday, Sep 09, 2022 - 10:58 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
संसार में सबसे बड़ा धन निरोगी काया एक भिखारी भूख-प्यास से त्रस्त होकर आत्महत्या की योजना बना रहा था, तभी वहां से एक नेत्रहीन महात्मा गुजर रहे थे।
भिखारी ने उन्हें रोक कर अपने मन की व्यथा सुनाई और कहा, ‘‘मैं अपनी गरीबी से तंग आकर आत्महत्या करना चाहता हूं।’’
उसकी बात सुनकर महात्मा हंसे और बोले, ‘‘ठीक है, आत्महत्या करो लेकिन पहले अपनी एक आंख मुझे दे दो। मैं तुम्हें एक हजार अशर्फियां दूंगा।’’
भिखारी चौंका। उसने कहा, ‘‘आप कैसी बात करते हो, मैं आंख कैसे दे सकता हूं।’’
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महात्मा बोले, ‘‘आंख न सही, एक हाथ ही दे दो, मैं तुम्हें एक हजार अशर्फियां दूंगा।’’
भिखारी असमंजस में पड़ गया। महात्मा मुस्कुराते हुए बोले, संसार में सबसे बड़ा धन निरोगी काया है। तुम्हारे हाथ-पैर ठीक हैं, शरीर स्वस्थ है, तुमसे बड़ा धनी और कौन हो सकता है। तुमसे गरीब तो मैं हूं कि मेरी आंखें नहीं हैं मगर मैं तो कभी आत्महत्या के बारे में नहीं सोचता।
भिखारी ने क्षमा मांगी और संकल्प लिया कि वह कोई काम करके अपना जीवनयापन करेगा।
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