Motivational Concept: मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है "आलस्य"

punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 10:46 AM (IST)

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किसी आश्रम में गुरु अपने शिष्य के साथ रहते थे। उनका शिष्य बहुत आलसी था। गुरु ने सोचा कि शिष्य को समय का महत्व नहीं समझाया तो इसका जीवन बर्बाद हो सकता है। एक दिन गुरु ने आलसी शिष्य को एक पत्थर देते हुए कहा कि यह पारस पत्थर है। इससे तुम जितना चाहो उतना सोना बना सकते हो, लेकिन तुम्हारे पास सिर्फ 2 ही दिन हैं। मैं दूसरे गांव जा रहा हूं, दो दिन बाद आश्रम लौट आऊंगा, तब मैं तुमसे यह पत्थर वापस ले लूंगा। इस पत्थर से तुम लोहे की जिस चीज से स्पर्श करोगे, वह सोने की हो जाएगी।

शिष्य ने सोचा कि मैं इस पत्थर से इतना सोना  बना लूंगा कि मेरा पूरा जीवन आराम से गुजर जाएगा। उसने सोचा अभी तो मेरे पास दो दिन हैं, एक दिन आराम कर लेता हूं अगले दिन सोना बना लूंगा। यह सोचकर वह सो गया। पूरा दिन और रात सोने के बाद जब वह उठा तो उसने योजना बनाई कि आज बहुत सारा लोहा लेकर आना है और उसे सोना बनाना है।

आश्रम से बाहर जाने से पहले वह खाना खाने बैठ गया। पेट भर खाना खाया तो उसे नींद आने लगी। अब वह सोचने लगा कि कुछ देर सो लेता हूं, सोना बनाने का काम तो छोटा है, शाम को कर लूंगा। लेटते ही उसे नींद आ गई और सूर्यास्त हो गया। दिन खत्म होते ही गुरु आश्रम में लौट आए। गुरु ने शिष्य से वह पत्थर वापस ले लिया। अब शिष्य को इस बात का अहसास हो गया कि आलस्य मनुष्य का सबसे  बड़ा शत्रु है और इसी वजह से उसने सुनहरा अवसर खो दिया है। शिष्य ने संकल्प लिया कि अब से वह कभी भी समय को बर्बाद नहीं करेगा।
 


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Content Writer

Jyoti

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