Meen Sankranti: कब मनाई जाएगी मीन संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 07:00 AM (IST)

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Meen Sankranti 2024: मीन संक्रांति चैत्र मास के मीन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। मीन संक्रांति पर सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं। साल भर में कुल 12 तरह की संक्रांति होती हैं। उन्हीं 12 संक्रांति में से एक है मीन संक्रांति। हर संक्रांति का अपना अलग महत्व होता है।  इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना, दान देना और सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। मीन संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा करके उनसे आशीर्वाद मांगा जाता है। मीन संक्रांति का पर्व पूरे देश में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं मीन संक्रांति की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

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Pisces Sankranti 2024 date मीन संक्रांति 2024 डेट
वैदिक पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 मार्च 2024 को मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और तप करने पर विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सूर्यदेव की उपासना और मंत्रों का जाप करने से जीवन में सदैव सुख और समृद्धि  बनी रहती है।

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Pisces Sankranti 2024 auspicious time मीन संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त
14 मार्च को सूर्य ग्रह 12 बजकर 46 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। मीन राशि का पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से शाम 06 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। मीन संक्रांति का महा पुण्य काल 12 बजकर 46 मिनट से  02 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

Meen Sankranti Significance मीन संक्रांति महत्व
हिंदू धर्म में मीन संक्रांति का विशेष महत्व है। मीन संक्रांति के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दान करना बहुत ही शुभ होता है। माना जाता है कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। मीन संक्रांति पर सूर्य देव की उपासना करने से कुंडली के ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

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Meen Sankranti Puja Method मीन संक्रांति पूजा विधि
मीन संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

सूर्य देव को प्रणाम करें और अर्घ्य दें।

सूर्य देव को अर्घ्य देते समय उनके मंत्रों का जाप करें।  सूर्य देव को जल देते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।

इसके अतिरिक्त इन मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं- ॐ सूर्याय नम: । ॐ घृणि सूर्याय नम: । ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।। ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

सूर्य मंदिर में जाकर दर्शन करें और  सूर्य चालीसा का पाठ करें।

अंत में अपनी क्षमतानुसार दान भी करें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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