Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर करें कुछ गहरे और विशेष उपाय, ढेरों पुण्य कमाएं

punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2025 - 02:39 PM (IST)

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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या का दिन सिर्फ शारीरिक उपवास या चुप रहने का दिन नहीं है, बल्कि यह एक गहरे आत्मिक प्रक्रिया का दिन है, जहां आप अपने मन, विचार और शरीर के माध्यम से आत्म-ज्ञान प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। आत्मा को शुद्ध करना, मन को नियंत्रित करना और अपने भीतर के सत्य को पहचानना इस दिन की वास्तविक साधना होती है। मौनी अमावस्या के दिन विशेष रूप से आत्मिक उन्नति, मानसिक शांति और शुद्धि की प्रक्रिया पर ध्यान दिया जाता है। इसके लिए कुछ ऐसी बातें हैं जिन पर ध्यान केंद्रित करना और सच्ची आंतरिक प्रक्रिया को समझना ज्यादा महत्वपूर्ण है। कुछ गहरे और विशेष उपाय दिए जा रहे हैं, जो मौनी अमावस्या को और भी अधिक फलदायी बना सकते हैं:

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चुप्प रहने से अधिक, मन को चुप कराना:
मौनी अमावस्या पर सिर्फ मुंह से बोलना बंद करना ही नहीं, बल्कि अपने मन और विचारों को भी शांत करना चाहिए। यह मानसिक प्रक्रिया है, जिसमें आप अपने विचारों को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं। कुछ समय के लिए सभी प्रकार की मानसिक चर्चा (आत्म-संवाद, चिंता, कल्पनाएं) को पूरी तरह से छोड़ दें। इसका मतलब है कि न सिर्फ शब्दों से, बल्कि अपने दिमाग की आवाज़ से भी चुप रहना। इस प्रक्रिया में ध्यान और श्वास पर ध्यान केंद्रित करना सहायक हो सकता है।

ध्यान के साथ प्राचीन मंत्रों का जाप:
मौनी अमावस्या पर ध्यान लगाना और प्राचीन मंत्रों का जाप करना अत्यधिक लाभकारी होता है। विशेष रूप से "ॐ" या "गायत्री मंत्र" का जाप करें। यदि आप इस दिन ध्यान करते हैं, तो मन की शांति और आंतरिक शुद्धता की प्रक्रिया को गहरा कर सकते हैं। ध्यान के दौरान अपने शरीर और मन को एकाकार करने की कोशिश करें और अपने अंदर की शांति को महसूस करें।

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प्राकृतिक स्थान पर एकांत साधना:
मौनी अमावस्या के दिन एकांत स्थान पर साधना करना बहुत प्रभावी होता है। घर के शोर-शराबे से दूर एक शांत जगह पर ध्यान या साधना करें। इससे आपको न केवल शांति मिलेगी, बल्कि आपके भीतर की आत्मा और आपकी ऊर्जा के बीच गहरा संबंध स्थापित होगा। आप अगर इस दिन प्रकृति के बीच में बैठकर ध्यान करते हैं, तो यह और भी अधिक शक्तिशाली हो सकता है।

नकारात्मकता से बचना और सकारात्मक सोच पर ध्यान केंद्रित करना:
मौनी अमावस्या के दिन अपनी नकारात्मक भावनाओं और विचारों को पूरी तरह से त्यागने का प्रयास करें। किसी भी प्रकार के गुस्से, शंका या आत्म-संवेदना से दूर रहें। इसके बजाय सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करें। यह दिन आपको आंतरिक शक्ति और मानसिक शांति पाने का बेहतरीन अवसर देता है।

दूसरों के प्रति दया और सहानुभूति का अभ्यास:
इस दिन दूसरों के साथ दया और सहानुभूति के भाव से पेश आना महत्वपूर्ण है। मौनी अमावस्या पर एक गहरे स्तर पर समझने की कोशिश करें कि आप अन्य लोगों से कैसे जुड़ते हैं। आपके शब्दों और कृत्यों में एकता और शांति होनी चाहिए। यह न सिर्फ मानसिक शांति का हिस्सा है, बल्कि आपके भीतर के आत्मज्ञान को भी उजागर करता है।

उपवास और आत्म-निर्माण:
इस दिन उपवास रखना भी एक शक्तिशाली तरीका हो सकता है अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाने के लिए। उपवास का मतलब सिर्फ भोजन का त्याग नहीं होता, बल्कि यह आत्म-निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा होता है। इस दिन केवल आवश्यक भोजन करें और बाकी समय अपने भीतर के आत्म को पहचानने का प्रयास करें। उपवास का उद्देश्य केवल शरीर की सफाई करना नहीं, बल्कि मन और आत्मा की भी शुद्धि करना होता है।

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गहरी आत्म-निरीक्षण की प्रक्रिया:
मौनी अमावस्या का दिन आत्म-निरीक्षण करने का दिन भी होता है। इस दिन अपने जीवन के उद्देश्य, अपनी भावनाओं और कार्यों पर ध्यान दें। यह समय है अपने भीतर की गहरी सच्चाई को जानने का, कि आप अपने जीवन में क्या चाहते हैं और क्या आपको बदलने की जरूरत है। आत्म-निरीक्षण के जरिए आप अपने जीवन के नए रास्ते खोज सकते हैं।

सत्य बोलने की साधना:
मौनी अमावस्या के दिन आप केवल मौन नहीं रह सकते, बल्कि इस दिन का उद्देश्य सत्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से महसूस करना है। अगर आप बात करते हैं, तो अपने शब्दों में सत्यता, प्रेम और ईमानदारी रखें। यह दिन आपके शब्दों और कर्मों में सत्य का पालन करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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