Mangal Asta 2025: सेनापति मंगल होने वाले हैं अस्त, इन राशियो की बढ़ने वाली है टेंशन
punjabkesari.in Wednesday, Oct 08, 2025 - 01:00 AM (IST)

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Mangal Asta 2025: मंगल ज्योतिष शास्त्र में बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं। मंगल पराक्रम, युद्ध, झगड़े के कारक हैं। मंगल अग्नि तत्व के ग्रह हैं और मंगल यदि अस्त हो जाते हैं तो यह सारे जो कारक तत्व हैं वीक हो जाते हैं। अब मंगल यदि सूर्य के साथ 17 डिग्री के भीतर आ जाए तो मंगल अस्त हो जाते हैं। यानी कि सूर्य का प्रभाव मंगल को अस्त कर देता है। उसकी अपनी ताकत क्षीण हो जाती है, वो कमजोर हो जाते हैं। मंगल बहुत ज्यादा लंबे समय तक अस्त रहे क्योंकि मंगल जिस राशि पर बैठे हैं। सूर्य आएंगे और सूर्य कुछ दिन के लिए अस्त करेंगे मंगल को और मंगल आगे सूर्य आगे निकल जाएंगे, मंगल उदय हो जाएंगे और लेकिन इस साल ऐसा पहली बार हो रहा है कि बहुत देर बाद ऐसा पहली बार हो रहा है। मंगल और सूर्य साथ-साथ चलेंगे और जब साथ-साथ चलेंगे तो मंगल लगातार 141 दिन के लिए अस्त रहेंगे। शनि लगभग 140 दिन तक वक्री रहते हैं तो मंगल 5 नवंबर को अस्त हो जाएंगे। इसी साल वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे होंगे तो अस्त हो जाएंगे। सूर्य के साथ-साथ गोचर करते-करते आगे जाएंगे और अगले साल 26 मार्च को उदय होंगे। यह 100 दिन का समय है जब मंगल अस्त हो जाएंगे। तो मंगल के अस्त होने का कौन सी पांच राशियों के ऊपर असर पड़ेगा ?
मेष राशि: मंगल की अपनी मूल त्रिकोण राशि क्योंकि मेष राशि मंगल की अपनी राशि है। राशि का स्वामी ही अस्त है तो निश्चित तौर पराक्रम में कमी का सामना करना पड़ सकता है। कॉन्फिडेंस थोड़ा सा आपका हिला हुआ नजर आएगा। फिजिकल दिक्कत आपको हो सकती है, इस अवधि के दौरान थोड़ा सा एफर्ट ज्यादा करना पड़ेगा। मेष राशि के जातकों को क्योंकि मूल त्रिकोण राशि मेष राशि की मंगल है। मंगल राशि का स्वामी है तो लिहाजा इसका अस्त होना मेष राशि के जातकों के लिए अच्छा नहीं है। यह थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ेगा।
वृश्चिक राशि: दूसरी राशि मंगल की अपनी ही राशि है वृश्चिक। उसमें भी दिक्कत हो सकती है क्योंकि मंगल इस राशि के स्वामी हैं। राशि के स्वामी का अस्त होना निश्चित तौर पर आप किसी भी महादशा से गुजर रहे हो। किसी भी अंतरर्दशा से गुजर रहे हो। जितने भी जातक हैं वृश्चिक राशि के जिनकी आयु 30 से 50 की है उनके ऊपर शुक्र की महादशा चल रही है। यदि शुक्र में मंगल का अंतर भी चल रहा होगा तो भी दिक्कत आएगी तो भी परेशानी हो सकती है लेकिन दशा कोई भी चल रही हो ट्रांजिट में आपका राशि का स्वामी अस्त है तो आपको उससे दिक्कत हो सकती है। एनर्जी में एनर्जी थोड़ी सी आप लो फील करेंगे। पराक्रम उतना नहीं रहेगा, एफर्ट काम के लिए ज्यादा करना पड़ेगा क्योंकि राशि का स्वामी आपका अस्त है। अब मेष राशि के लिए यह इसलिए भी दिक्कत भरा है क्योंकि मेष राशि के जितने भी जातक जिनका जन्म केतु के नक्षत्र में हुआ है। अश्विनी नक्षत्र में उनके ऊपर इस समय मंगल की महादशा चल रही है। महादशा नाथ भी मंगल डिस्टर्ब हो गया। यहां पर मंगल का अस्त होना अच्छा नहीं है साथ-साथ चलते जाएंगे। आगे जाकर फिर 9 पर जाएंगे, 10 पर जाएंगे, 11 पे जाएंगे तो फिर आगे जाकर उदय होंगे लेकिन दिक्कत रहेगी। यहां पर मेष और वृषभ वृश्चिक दोनों राशियों को दिक्कत रहेगी।
सिंह राशि: जिनका जन्म सिंह राशि के मघा नक्षत्र में हुआ है उनके ऊपर भी इस समय मंगल की दशा चल रही है तो उनको भी दिक्कत हो सकती है। मघा नक्षत्र में जितने भी जातक पैदा हुए हैं जिनकी उम्र 30 से 40 साल की है। सिंह राशि के मघा नक्षत्र में पैदा हुए 30 से 40 साल कीआयु के जातकों के ऊपर इस समय मंगल चल रहा है। तो मंगल दशान होने के नाते वह अस्त है। दशानाथ का अस्त होना अच्छा नहीं है, यह एक दिक्कत है। चार महीने आपको थोड़ा सा अपने दशान का अपने रूलिंग प्लांट का फल उस तरीके से नहीं मिलेगा जिस तरीके से मंगल फल करते हैं। सिंह राशि के लिए मंगल योगाकारक ग्रह होते हैं। योगाकारक ग्रह की आपको दशा चल रही है तो यदि वही ग्रह आपका हस्त हो जाए तो आपको जो अच्छे फल उसके मिलने हैं उसमें थोड़ी सी कमी आ सकती है। सिंह राशि के लिए यदि हम इसको कैलकुलेट करेंगे तो मंगल की जो मूल त्रिकोण राशि मेष है वह आपके भाग्य स्थान में आती है और जो वृश्चिक राशि है वह आपके फोर्थ हाउस में आती है। यानी कि मंगल इसलिए योगाकारक हो जाते हैं क्योंकि ये केंद्र और एक त्रिकोण के स्वामी हैं। तो निश्चित तौर पर यहां पर सिंह राशि के जातकों को भी दिक्कत हो सकती है।
धनु राशि: धनु राशि के जितने भी जातक मूला नक्षत्र में पैदा हुए हैं, उम्र 30 से 40 साल के बीच में है उनके ऊपर भी इस समय मंगल चल रहा है। तो मंगल का अस्त होना 141 दिन के लिए 5 नवंबर के बाद थोड़ा सा एनर्जी में कमी लाएगा। आपका महादशा है इसलिए थोड़ी सी दिक्कत आ सकती है। जो फल उसने अच्छे करने हैं। धनु राशि के लिए भी मंगल वह अच्छा रोल प्ले करते हैं क्योंकि धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पंचमेश भी हो जाते हैं, यह राशि के मित्र हैं। पंचम के स्वामी हैं तो पंचम से संबंधित फलों की हानि करेंगे। संतान जिनको होने वाली है उनको थोड़ा सा एक्स्ट्राऑर्डिनरी ध्यान रखना पड़ेगा। जो भी धनु राशि के जातक हैं जिनके घर में संतान होने वाली है क्योंकि पंचम का स्वामी है वह अस्त है। दशानाथ अस्त हो गया, पंचम संतान का भाव है। पंचम बुद्धि-विवेक का भाव है। पंचम आपका ईजी गेंस का भाव है। 12वें भाव से संबंधित फल जिनका एक्सपोर्ट का काम है, जिनका फॉरेक्स का काम है, जो ऐसा काम करते हैं जहां पर अर्निंग का सोर्स विदेश से जुड़ता है, वहां पर उन लोगों को भी दिक्कत हो सकती है धनु राशि के जातकों।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के लिए भी मंगल का अह अस्त होना अच्छा नहीं है क्योंकि मंगल 11वें गोचर कर रहे होंगे क्योंकि 11वें में मंगल अच्छा फल करते हैं। हालांकि शनि की राशि है और मंगल शनि की राशि के लिए मित्र नहीं होते लेकिन 11वें में गोचर करना है मंगल 11वें में ही अस्त हो जाएंगे। 11वां आपकी वृद्धि का भाव होता है। आपकी आय का भाव होता है तो निश्चित तौर पर यहां पर भी दिक्कत करेंगे। इसके अलावा जिसके जिनके लिए धन स्थान के स्वामी है जैसे तुला राशि है उनके लिए धन स्थान के स्वामी हैं या मिथुन राशि है उनके लिए आय स्थान के स्वामी हैं। इन राशियों को भी आय और धन से संबंधित दिक्कत हो सकती है। थोड़ा सा ज्यादा लगाना पड़ सकता है क्योंकि अल्टीमेटली दोनों राशियों के लिए जो दोनों राशियां है वहां पर एलिवेशन तरक्की के रास्ते में अड़चनें आ सकती हैं।
नरेश कुमार
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