Mahatma Nityananda Story: कठिन से कठिन कार्य भी बन जाता है आसान, जब मन में हो ऐसी लग्न

punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 03:00 AM (IST)

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Mahatma Nityananda Story: एक बार महात्मा नित्यानंद ने अपने शिष्यों को बांस से बनी बाल्टियां पकड़ा कर कहा, “जाओ इन बाल्टियों में नदी से पानी भरकर ले आओ। आश्रम की सफाई करनी है।” नित्यानंद जी के इस विचित्र आदेश को सुनकर सभी शिष्य आश्चर्यचकित हुए कि भला कहीं बांस की बाल्टियों में भी जल लाया जा सकता है ?

मगर बोलें क्या ? अत: सभी शिष्य बाल्टियां लेकर नदी की ओर चल दिए।

वे पानी भरने लगे, पर जैसे ही वे बाल्टियां भरते सारा जल निकल जाता। निराश होकर सारे शिष्य वापस लौट आए। स्वामी जी को अपनी परेशानी बताई। स्वामी जी ने देखा कि एक शिष्य नहीं आया। उन्होंने  सभी शिष्यों को बैठा लिया और प्रतीक्षा करने लगे। वह शिष्य नदी पर रुक गया था। वह बाल्टी भरता, पानी रिस जाता। शाम होने तक वह इसी प्रकार श्रम करता रहा। इसका परिणाम यह निकला कि बाल्टी में लगी बांस की छड़ियां फूल गईं और छिद्र बंद हो गए।

तब वह बड़ा प्रसन्न हुआ और बाल्टी में जल भर कर ही आश्रम आया। नित्यानंद जी ने उसे शाबाशी दी और शिष्यों को संबोधित कर बोले, “धैर्य रखने में ही व्यक्ति की भलाई है। विवेक, निष्ठा और सतत परिश्रम करने से कठिन से कठिन कार्य को भी सुगम बनाया जा सकता है।”
 


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Content Editor

Prachi Sharma

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