Mahatma Gandhi Story: जब एक वृद्ध महिला का सिक्का बना गांधी जी के लिए सबसे बड़ा धन

punjabkesari.in Sunday, May 25, 2025 - 03:01 PM (IST)

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Mahatma Gandhi Story: गांधी जी चरखा संघ के लिए धन इकट्ठा करने के उद्देश्य से देशभर में भ्रमण कर रहे थे। एक दिन ओडिशा के एक आदिवासी क्षेत्र में उनकी सभा चल रही थी। श्रोताओं के बीच एक वृद्ध महिला भी थी जिसके बाल सफेद हो चुके थे, कपड़े फटे हुए थे और कमर झुकी थी। गांधी जी के भाषण से वह बहुत प्रभावित हुई। 

भाषण समाप्त होने के बाद वह महिला किसी तरह भीड़ में से रास्ता बनाती हुई गांधी जी के पास पहुंची। उसने सबसे पहले अपनी साड़ी के पल्लू में बंधा तांबे का एक सिक्का निकाला और गांधी जी के चरणों में रख दिया। गांधी जी ने सावधानी से सिक्का उठाया और उसे अपने पास रख लिया। उस समय चरखा संघ का कोष जमनालाल बजाज संभाल रहे थे।

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बजाज ने हंसते हुए वह सिक्का मांगा, पर गांधी जी ने उस वृद्ध महिला का दिया सिक्का उन्हें देने से इंकार कर दिया। 

जमनालाल ने कहा, “मैं चरखा संघ के लिए हजारों रुपए के चैक संभालता हूं। अभी आप मुझ पर एक तांबे के सिक्के के लिए भी भरोसा नहीं कर रहे हैं। एक तांबे के सिक्के के लिए आपकी चिंता मुझे परेशान कर रही है।”

 इस पर गांधी जी ने अपने मन के उद्गार को व्यक्त करते हुए कहा, “यह सिक्का हजारों से कहीं अधिक कीमती है। यदि किसी के पास लाखों हैं तो वह दो हजार देता है और उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह सिक्का शायद उस औरत की कुल जमा पूंजी थी।”

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गांधी जी ने जमनालाल बजाज को समझाते हुए कहा, “उस वृद्ध महिला ने अपना सारा धन दान दे दिया। कितनी उदारता दिखाई, उसने कितना बड़ा बलिदान दिया। इसलिए इस तांबे के सिक्के का मूल्य मेरे लिए एक करोड़ रुपए से भी अधिक है, यह अमूल्य है।” 
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Content Editor

Prachi Sharma

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