महाशिवरात्रि 2020: इसकी पूजा से मिलेगी आपको अपने शत्रुओं पर विजय
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2020 - 03:47 PM (IST)

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जैसे-जैसे महाशिवरात्रि का पर्व समीप आ रहा है, भोलेनाथ के भक्त इसकी तैयारियों में लग जाते हैं। वैसे तो हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। परंतु फाल्गुन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। तथा इसी दिन पहली बार भगवान विष्णु तथा ब्रह्माजी द्वारा शिवलिंग की पूजा की गई थी। इसीलिए महा शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है और श्रद्धालु लोग शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करते हैं। अन्य कथाओं के मुताबिक इसी दिन भगवान शिव का देवी पार्वती के साथ विवाह हुआ था। साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत के साथ-साथ दुनिया के कई हिस्सों में महाशिवरात्रि का पावन पर्व हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस दिन शिव जी की पूजा अराधना करना अधिक लाभदायक होता है। यही कारण है कि देवों के देवों महादेव को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह की साधनाएं करते हैं, ताकि भगवान शिव अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनकी सभी बाधाएं दूर कर दें। आइए जानते हैं कौन सी है शिव जी की वो साधनाएं जिन्हें महाशिवरात्रि पर करने से हर तरह की विजय प्राप्त की जा सकती है।
हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार भगवान शिव के पास त्रिशूल के अलावा चार शूलों वाला परम शक्तिशाली दिव्य अस्त्र है, जिसे पशुपतास्त्र कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन ने विजय प्राप्त करने की कामना से भगवान शिव की कठिन तपस्या करके इसे यानि पाशुपतास्त्र प्राप्त किया था। भगवान शिव ने अर्जुन को इसे देते हुए कहा था कि इसे तुम्हें चलाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। केवल इसे इसे पास रखने मात्र से ही तुम्हारी जीत हो जाएगी। अगर तुमने गलती से इसे चला लिया तो संसार में प्रलय आ जा जाएगी।
ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कोई साधक अपने शत्रुओं पर विजय पाना चाहता हो उसे इस चमत्कारी शूलास्त्र यानि पाशुपतास्त्र की साधना सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। मगर ध्यान रहे इस साधना को महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर किसी योग्य गुरु के सान्निध्य में विधि-विधान से ही करें। और अगर इस साधना को कर पाने में असमर्थ हों तो इस दिन पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ करें। भगवान शिव को समर्पित यह पाठ चारों दिशा से विजय दिलाता है।
कहा जाता है शिव के तमाम स्वरूपों में महाकाल की साधना सभी प्रकार की सिद्धि और मृत्यु के भय को दूर करने वाली मानी जाती है। भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना करने से बड़े से बड़ा संकट टल जाता है और शत्रुओं का नाश होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन उत्तर दिशा की ओर मुख करके महाकाल की साधना करें।
इसके अलावा सूर्यास्त से पूर्व और सूर्यास्त के बाद अर्थात् दिन रात्रि के संधिकाल में दक्षिण की ओर मुख करके पीले आसन पर बैठकर श्री राम की साधना करान चाहिए।