भगवान शिव का प्रिय मंत्र, इसमें छुपा है हर समस्या का समाधान

punjabkesari.in Sunday, Jan 08, 2017 - 03:29 PM (IST)

शास्त्रों अौर पुराणों में कुछ ऐसे मंत्रों का उल्लेख किया गया है, जिनके जपने से कई प्रकार की समस्याअों का समाधान हो जाता है। वैसे तो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत सारे मंत्र हैं लेकिन महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का बहुत प्रिय मंत्र है। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति मौत पर भी जीत हासिल कर सकता है। इस मंत्र के जाप से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं अौर असाध्य रोगों का भी निवारण होता है। शास्त्रों में इस मंत्र में अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग संख्या में मंत्र का जाप करने का विधान है। 

 

* इस मंत्र के 1100 बार जप करने से भय से छुटकारा मिलता है।

 

* 11000 बार मंत्र का जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। 

 

* महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप करने से पुत्र का प्राप्ति, उन्नति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु से भी बचाव होता है। 

 

* पूर्ण श्रद्धा अौर विश्वास से साधना करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है। 

 

 मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

 

मंत्र जाप करते समय रखें ये सावधानियां

* महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण सही तरीके अौर शुद्धता से करना चाहिए। मंत्र उच्चारण के समय एक शब्द की गलती भी भारी पड़ सकती है। 

 

* मंत्र के जप के लिए एक निश्चित संख्या निर्धारित कर लें। जप की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाएं लेकिन कम न करें। 

 

* इस मंत्र का जप धीमे स्वर में करें। मंत्र जप के समय इसका उच्चारण होठों से बाहर नहीं आना चाहिए। 

 

* महामृत्युंजय जप के दौरान धूप-दीप प्रज्वलित रहना चाहिए। 

 

* जहां पर भगवान शिव की प्रतिमा या महामृत्युंजय यंत्र रखा हो वहीं पर इस मंत्र का जप करें। 

 

* मंत्र का जप सदैव पूर्व दिशा की अोर मुख करके करना चाहिए। जब तक मंत्र का जप होगा उतने दिनों तक तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News