Mahalaxmi Vrat: अमीर व्यक्तियों की सूची में होगा आपका भी नाम शामिल, 16 दिन तक करना होगा ये काम
punjabkesari.in Saturday, Aug 30, 2025 - 03:27 PM (IST)

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Mahalaxmi Vrat 2025: महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आरंभ होता है। यह व्रत लगातार 16 दिनों तक चलता है और आश्विन कृष्ण अष्टमी को इसका समापन होता है। व्रती (पुरुष या स्त्री) रोज़ सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं और माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं। व्रत में साधारण: फलाहार या सात्विक भोजन किया जाता है। कई लोग दिन भर उपवास रखते हैं और संध्या समय केवल फल खाते हैं।
What should be done during Mahalakshmi Vrat महालक्ष्मी व्रत में क्या करना चाहिए?
संकल्प लेना
पहले दिन स्नान करके कलश स्थापना करें।
कलश पर लाल वस्त्र, नारियल और आम के पत्ते रखें।
संकल्प लें कि 16 दिन तक माता लक्ष्मी का व्रत करेंगे।
Worship of Goddess Lakshmi माता लक्ष्मी की पूजा
रोज़ सुबह लक्ष्मी माता की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
उन्हें लाल वस्त्र, सुहाग का सामान (चूड़ी, बिंदी, सिंदूर) और पुष्प अर्पित करें।
दीपक और धूप जलाकर लक्ष्मी स्तोत्र या लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
Listening to Mata Lakshmi Katha माता लक्ष्मी कथा श्रवण
व्रत के दौरान प्रतिदिन महालक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ना या सुनना शुभ माना जाता है।
कथा से मन में श्रद्धा और संकल्प की दृढ़ता बनी रहती है।
Mahalaxmi Vrat Food Rules महालक्ष्मी व्रत भोजन नियम
दिन भर उपवास करके शाम को फलाहार लिया जा सकता है। यदि पूरे 16 दिन उपवास करना संभव न हो तो केवल पहला और अंतिम दिन व्रत करना भी मान्य है।
Charity and good deeds for 16 days of Mahalaxmi fast महालक्ष्मी व्रत के 16 दिन दान-पुण्य
प्रत्येक दिन गरीबों और ब्राह्मणों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा देना शुभ होता है। शुक्रवार के दिन विशेष रूप से स्त्रियों को सुहाग का सामान भेंट करना शुभ माना गया है।
Immersion on the last day of Mahalaxmi Vrat महालक्ष्मी व्रत के अंतिम दिन विसर्जन
16वें दिन विधिपूर्वक माता लक्ष्मी का पूजन करके कलश का विसर्जन किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से खीर या मीठा पकवान बनाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है और परिवार तथा ब्राह्मणों में वितरित किया जाता है।