Mahabharat Story: जीवन की हर समस्या होगी दूर, बस अपना लें श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया ये उपाय

punjabkesari.in Saturday, Dec 23, 2023 - 08:15 AM (IST)

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Mahabharat Story: महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर ‘भीष्म पितामह’ घोषणा कर देते हैं कि, “मैं कल पांडवों का वध कर दूंगा।”  उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई-भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए।

तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो। द्रौपदी को लेकर श्रीकृष्ण सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुंच गए। शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रौपदी से कहा कि अंदर जाकर पितामह को प्रणाम करो।

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द्रौपदी ने अंदर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने ‘अखंड सौभाग्यवती भव’ का आशीर्वाद दे दिया, फिर उन्होंने द्रौपदी से पूछा कि बेटी, तुम इतनी रात में अकेली यहां कैसे आई हो, क्या तुमको श्रीकृष्ण यहां लेकर आए हैं ?

तब द्रौपदी ने कहा कि हां और वह कक्ष के बाहर खड़े हैं। तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए और दोनों ने एक-दूसरे से प्रणाम किया।

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 भीष्म ने कहा, “मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्रीकृष्ण ही कर सकते हैं।” 

शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि, “तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है। 

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वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याएं हैं उनका भी मूल कारण यही है कि जाने-अनजाने में अक्सर घर के बड़ों के उपेक्षा हो जाती है। यदि घर के  बच्चे और बहुएं प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो। बड़ों के दिए आशीर्वाद कवच की तरह काम करते हैं उनको कोई “अस्त्र-शस्त्र” नहीं भेद सकता।

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Content Editor

Prachi Sharma

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