Magh Purnima 2025: फरवरी महीने में इस दिन जाएगी माघ पूर्णिमा, ये है स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2025 - 04:00 AM (IST)
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Magh Purnima 2025: माघ पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसे पवित्र स्नान और तपस्या का दिन माना जाता है। माघ मास की पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से गंगा, यमुनाजी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। माघ पूर्णिमा का दिन पुण्य फल देने वाला माना जाता है। इसे हर साल माघ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह दिन विशेष रूप से गंगा स्नान के लिए प्रसिद्ध है। यह दिन विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में किसी भी प्रकार की पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं। इस दिन को विशेष रूप से तर्पण, पितृ पूजा और दान के लिए भी माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख और सौभाग्य का आगमन होता है।
Magh Purnima Shubh Muhurat माघ पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी को मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 11 फरवरी शाम 6 बजकर 55 मिनट पर होगी और अगले दिन 12 फरवरी शाम को इसका समापन हो जाएगा। इसके अलावा इस दिन बहुत से शुभ योगों का भी निर्माण होने जा रहा है। पहला सौभाग्य योग और दूसरा शोभन योग। इस योग में पूजा करने से जल्द ही मनोकामना की पूर्ति हो जाती है।
Magh Purnima Puja Method माघ पूर्णिमा पूजा विधि:
पूजा की शुरुआत में सबसे पहले घर में या किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें। यह स्नान शारीरिक और मानसिक शुद्धता को बढ़ाता है। यदि आप नदी में स्नान करने के लिए नहीं जा सकते, तो आप घर पर शुद्ध जल का प्रयोग करके स्नान कर सकते हैं।
पूजा स्थल को साफ करके वहां ताजे फूल और दीपक रखें। घर की सफाई करने से वातावरण पवित्र होता है और पूजा का माहौल भी शुभ बनता है।
यदि संभव हो तो गंगाजल का प्रयोग पूजा में करें। गंगाजल को घर में लाकर पूजा स्थल पर रखें और उसे जल में मिलाकर स्नान करने का आयोजन करें। गंगाजल का उपयोग पवित्रता और पुण्य के लिए विशेष माना जाता है।
माघ पूर्णिमा के दिन दीपक लगाना शुभ माना जाता है। एक दीपक को भगवान विष्णु, गणेश जी या देवी लक्ष्मी के सामने रखें। दीपक का प्रकाश शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है।
पूजा के लिए ताजे फूल, अगरबत्ती, कपूर, और फल तैयार करें। इस दिन विशेष रूप से पीला रंग भी शुभ माना जाता है, इसलिए पीले रंग की पूजा सामग्री का प्रयोग करना उत्तम रहेगा।
पूजा करते समय भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का उच्चारण करें। आप इन मंत्रों का अनुसरण कर सकते हैं-
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ महालक्ष्मै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्