2020 में खत्म होगा मां वैष्णो देवी के भक्तों का इंतज़ार

punjabkesari.in Sunday, Dec 22, 2019 - 04:28 PM (IST)

शास्त्रों की बात जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में हर देवी-देवता की अपनी एक अलग ही महत्वता होती है और हर एक देवी-देवता के कईं प्राचीन मंदिर भी पूरे देश में विख्यात है। अगर हम बात करें मां वैष्णो देवी की तो उस स्थान के महत्वता हमारे शास्त्रों में बहुत अधिक बताई गई है। मां के दरबार में पूरे सालभर ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। वहीं अगर हम बात करें, वहां बनी प्राचीन गुफा के बारे में तो वे केवल साल में एक बार ही खुलती है, जिसके खुलने का समय हर साल मकर संक्रांति व लोहड़ी पर ही होता है। चलिए आगे जानते हैं, इस गुफा से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में। 
PunjabKesari, मां वैष्णो देवी, Maa Vaishno Devi, त्रिकूट पर्वत
मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के अंश से उत्पन्न मां वैष्णो देवी का एक अन्य नाम देवी त्रिकूटा भी है। देवी त्रिकूटा यानि मां वैष्णो देवी का निवास स्थान जम्मू में माणिक पहाड़ियों की त्रिकुटा श्रृंखला में एक गुफा में है। देवी त्रिकूटा के निवास के कारण इस पर्वत को त्रिकूट पर्वत कहा जाता है। मां के दरबार में अक्सर भक्तों की लंबी कतार के कारण दर्शन के लिए बहुत ही कम समय मिलता है। माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए वर्तमान में जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है वह गुफा में प्रवेश का प्राकृतिक रास्ता नहीं है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कृत्रिम रास्ते का निर्माण 1977 में किया गया। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु माता के दरबार में प्रवेश करते हैं और उनके दर्शन करते हैं। ऐसे में कुछ ही भक्तों को प्राचीन गुफा से माता के भवन में प्रवेश का सौभाग्य मिलता है। दरअसल यह नियम है कि जब कभी भी दस हजार से कम श्रद्धालु होंगे तभी प्राचीन गुफा का द्वार खोला जाएगा। आमतौर पर ऐसा शीतकाल में दिसंबर और जनवरी माह में होता है।
PunjabKesari, मां वैष्णो देवी, Maa Vaishno Devi, त्रिकूट पर्वत
इस पवित्र गुफा की लंबाई 98 फीट है। गुफा में प्रवेश और निकास के लिए दो कृत्रिम रास्ते हैं। माता वैष्णों देवी के दरबार में प्राचीन गुफा का काफी महत्व है। श्रद्धालु इस गुफा से माता के दर्शन की इच्छा रखते हैं, क्योंकि मान्यता के अनुसार प्राचीन गुफा के समक्ष ही भैरों बाबा का शरीर मौजूद है। माता ने यहीं पर भैरों बाबा को अपने त्रिशूल से मारा था और उनका सिर उड़कर भैरों घाटी में चला गया और शरीर यहां रह गया।
PunjabKesari,मां वैष्णो देवी, Maa Vaishno Devi, त्रिकूट पर्वत
कहा जाता है कि इस प्राचीन गुफा में पवित्र गंगा जल प्रवाहित होता रहता है। श्रद्धालु इस जल से पवित्र होकर मां के दरबार में पहुंचते हैं जो एक अद्भुत अनुभव होता है। वैष्णो देवी की गुफा का संबंध यात्रा मार्ग में आने वाले एक पड़ाव से भी है जिसे आद कुंवारी या अर्धकुंवारी के नाम से जाना जाता है। 


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