भगवान शिव की इन चीज़ों से सीखें जीवन जीने की कला
punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2019 - 04:42 PM (IST)
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सावन का पवित्र माह सबको प्रिय है, इसके साथ ही पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। भगवान शिव के भक्त अपने भोले से जुड़े सारे तथ्य तो जानते ही होंगे कि वह श्मशान में निवास करते हैं गले, में नाग धारण करते हैं। भांग व धतूरा ग्रहण करते हैं। लेकिन क्या आप से कोई ये जानता है कि भगवान शिव की कुछ रहस्यमयी बातों से आप कितना कुछ सीख सकते हैं। अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इसी के बारे में कुछ रोचक जानकारी देने जा रहे हैं। हम आपको बताएंगे कि कैसे शिव के रहस्यमयी स्वरूप से सीख सकते हैं अपने जीवन को जीने का तरीका।
एकजुट होना
जैसे कि सब जानते हैं कि भगवान शिव ने अपनी शिखा पर गंगा को धारण किया है, उससे एकजुट होने की सीख मिलती है। बिखरे हुए केशों को एकत्र करके शिव ने गंगा के विकराल रूप को शांत स्वरूप में परिवर्तित कर दिया।
सोच-विचार करना
भोलेनाथ त्रिनेत्र धारी हैं। मष्तक पर स्थित उनका तीसरा नेत्र बताता है कि दूरगामी परिस्थियों को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ बाहरी नेत्रों का प्रयोग न करें, बल्कि सोच-समझकर निर्णय लें। सदैव दूरगामी परिणामों पर अपनी नजर रखें।
धीरज रखना
शिव, शशि शेखर हैं, जिन्होंने अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण कर रखा है। चंद्रमा शीतलता और शांति का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में शिव भगवान से सीख मिलती है कि कैसी भी परिस्थिति हो अपना धीरज बिलकुल ना खोएं और मन पर नियंत्रण बनाए रखें।
गुस्सा न करना
शिव का एक नाम नीलकंठ भी है, जो कि क्रोध को सहने की सीख देता है। क्रोध सदैव बुद्धि को भ्रमित कर स्वयं और अन्य को परेशानी में डालने वाला माना गया है। ऐसे में क्रोध को पीकर अपने धैर्य से खत्म करें।