भगवान कृष्ण के 16,108 विवाह करने के पीछे ये था रहस्य

punjabkesari.in Thursday, Aug 22, 2019 - 10:05 AM (IST)

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हर तरफ जन्माष्टमी की धूम मची हुई है। भगवान कृष्ण के भक्त इस दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। ताकि वे अपने कान्हा का जन्मदिन धूम-धाम से मना सके। बता दें इस साल जन्माष्टमी का पर्व कुछ लोग 23 को मना रहे हैं तो कुछ 24 अगस्त को। लेकिन ये बात तो सब जानते ही हैं कि भगवान का जन्म रात 12 बजे हुआ था। इसलिए रात 12 बजे उनके अभिषेक के बाद ही भक्तगण व्रत खोलते हैं। भगवान कृष्ण के बारे में उनके भक्त लोग बहुत कुछ जानते हैं तो कुछ ऐसी बातें भी हैं जो शायद ही किसी को मालूम हो। जैसे कि शास्त्रों में भगवान की 16 हजार 108 पत्नियां बताईं जाती हैं और इतना ही नहीं उन पत्नियों से 1 लाख 61 हजार पुत्र भी बताए जाते हैं। लेकिन कुछ मान्यताओं के अनुसार उनकी केवल 8 पत्नियां थी। तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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ये तो सब जानते हैं कि श्री कृष्ण राधा से प्रेम करते थे पर इनका कभी विवाह नहीं हुआ। लेकिन राधा-कृष्ण का प्यार अमर था, जिसे आज के समय में भी याद किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां थी जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था।
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पुराणों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि एक दानव था भूमासुर। जिसने अमर होने के लिए 16 हजार कन्याओं की बलि देने का निश्चय कर लिया था। श्री कृष्ण ने इन कन्याओं को कारावास से मुक्त कराया और उन्हें उनके घर वापिस भेज दिया। लेकिन चरित्र के नाम पर उनके परिवारवालों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया। तब श्री कृष्ण ने 16 हजार रूपों में प्रकट होकर एक साथ उन कन्याओं से विवाह रचाया। इस तरह से कन्हैया कि 16 हजार शादियां एक साथ हुईं लेकिन इसके अलावा श्री कृष्ण ने कुछ प्रेम विवाह भी किए।
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महाभारत के अनुसार श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनके साथ विवाह रचाया था। श्री कृष्ण का एक विवाह कालिंदी से भी हुआ था। जिसे लेकर कहानी है कि एक दिन अर्जुन को साथ लेकर भगवान कृष्ण वन विहार कर रहे थे। उसी दौरान वहां पर सूर्य पुत्री कालिन्दी, श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की कामना से तप कर रही थीं। कालिन्दी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रीकृष्ण ने उसके साथ विवाह कर लिया।


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