थोड़ी सी बुद्धिमानी कर देती है हर समस्या का हल, आप में है ये हुनर

punjabkesari.in Saturday, Feb 18, 2017 - 11:59 AM (IST)

मध्य पूर्वी देश से एक ईरानी शेख व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय का अतिथि बन कर आता है। महाराज अपने अतिथि का सत्कार बड़े भव्य तरीके से करते हैं और उसके अच्छे खाने व रहने का प्रबंध करते हैं तथा साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। एक दिन भोजन पर महाराज का रसोइया शेख व्यापारी के लिए रसगुल्ले बना कर लाता है। व्यापारी कहता है कि उसे रसगुल्ले नहीं खाने हैं पर हो सके तो उन्हें रसगुल्ले की जड़ क्या है यह बताएं। रसोइया सोच में पड़ जाता है और अवसर आने पर महाराज कृष्णदेव राय को व्यापारी की मांग बताता है। महाराज रसगुल्ले की जड़ पकडऩे के लिए अपने चतुर मंत्री तेनाली राम को बुलाते हैं।


तेनाली राम झट से रसगुल्ले की जड़ खोजने की चुनौती का प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं। वह एक खाली कटोरे और धारदार छुरी की मांग करते हैं तथा महाराज से एक दिन का समय मांगते हैं।


अगले दिन वह रसगुल्ले की जड़ के टुकड़ों से भरे कटोरे को मलमल के कपड़े से ढककर लाकर राज दरबार में बैठे ईरानी शेख व्यापारी को देते हैं और उसे कपड़ा हटा कर रसगुल्ले की जड़ देखने को कहते हैं। ईरानी व्यापारी कटोरे में गन्ने के टुकड़े देखकर हैरान हो जाता है और सारे दरबारी तथा महाराज कृष्णदेव राय तेनाली राम से पूछते हैं कि यह क्या है?


चतुर तेनाली राम समझाते हैं कि हरेक मिठाई शक्कर से बनती है और शक्कर का स्रोत गन्ना है इसलिए रसगुल्ले की जड़ गन्ना है। 


तेनाली राम के इस गणित से सारे दरबारी, ईरानी व्यापारी और महाराज कृष्णदेव राय प्रफुल्लित होकर हंस पड़ते हैं और तेनाली राम के तर्क से सहमत भी होते हैं।


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