नंद के आनंद भयो: हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की

punjabkesari.in Friday, Sep 08, 2023 - 07:55 AM (IST)

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मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण का ‘जन्माष्टमी पर्व गुरुवार को मथुरा-वृंदावन में मनाया गया। यहां के प्रमुख मंदिरों में मध्यरात्रि 12 बजे कान्हा, जिसे लाड़ से ‘लल्ला’ कहा जाता है का जन्म हुआ। इस अवसर पर गली-गली ‘नंद के आनंद भयो ... हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की’ से गूंज उठी। जन्मोत्सव का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पहुंची। मथुरा-वृंदावन को दुल्हन की तरह सजाया गया। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर पर मुख्य आयोजन हुआ। इसके अलावा देश भर के मंदिरों में जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई गई। 

15 से 20 लाख भक्त पहुंचे कृष्ण जन्मस्थली
कान्हा के जन्म का साक्षी बनने के लिए लालायित भक्तों ने प्रवेशद्वार से लगी कई कि.मी. लंबी लाइन में खड़े रहकर प्रसन्नतापूर्वक प्रतीक्षा की। सायं 5 बजे तक लगभग 15 लाख भक्त मथुरा-वृंदावन दर्शन के लिए पहुंच चुके थे। रात तक इनकी संख्या लगभग 20 लाख पहुंच चुकी थी। 

प्राचीन ठाकुर राधा रमण मंदिर में ठाकुरजी का महा अभिषेक
वृंदावन के प्राचीन मंदिरों में प्रात: से भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की धूम मची रही। मंत्रोच्चारों के मध्य प्राचीन ठाकुर राधा रमण मंदिर में ठाकुरजी का महा अभिषेक किया गया। अभिषेक के समय मंदिर जयकारों से गुजायमान हो गए। 

रामलला का संघर्ष पूरा, अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान की बारी
अयोध्या में रामलला को उनका जन्म स्थान दिलाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास महाराज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा आए। उन्होंने कहा कि रामलला का संघर्ष पूरा हो गया। अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान की बारी है। जीवन में यही दो लक्ष्य निर्धारित किए थे। एक पूरा हो गया और दूसरा पूरा होने को है।    


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Content Writer

Niyati Bhandari

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