Kharmas 2025: खरमास में क्यों नहीं किए जाते शुभ काम, जानें धार्मिक और सांस्कृतिक कारण

punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 07:58 AM (IST)

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Kharmas 2025: खरमास एक विशेष समय अवधि होती है, जब हिन्दू धर्म के अनुसार शुभ कार्यों को नहीं किया जाता। इस समय अवधि के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक, ज्योतिषीय दृष्टि से, ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति कुछ विशेष होती है और इसे अशुभ समय माना जाता है। खरमास में शुभ कार्यों को न करने के पीछे के कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक कारण निम्नलिखित हैं:

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पारंपरिक विश्वास: हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि खरमास के दौरान सूर्य और अन्य ग्रहों की स्थिति कुछ अनुकूल नहीं होती, जिससे यह समय व्यक्ति के लिए शुभ नहीं माना जाता। यह समय विशेष रूप से आत्मनिर्भरता, तपस्या और आत्मचिंतन के लिए निर्धारित किया गया है, न कि उत्सव या विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए।

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उपवास और साधना का समय: खरमास के दौरान कई लोग उपवास करते हैं और अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए साधना करते हैं। यह समय शरीर और मन को पवित्र करने का होता है और इसे काम, विवाह या अन्य सांसारिक गतिविधियों से दूर रहने का समय माना जाता है।

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सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रभाव: खरमास मकर संक्रांति से जुड़ा होता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। यह समय भारतीय ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना जाता है, क्योंकि सूर्य मकर राशि में कमजोर होता है और इसके प्रभाव से कार्यों में रुकावट या अशुभता हो सकती है।

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धार्मिक अनुशासन: हिन्दू धर्म में समय-समय पर अनुशासन का पालन करने का महत्व है। खरमास के दौरान शुभ कार्यों से बचने का कारण यह भी है कि यह व्यक्ति को अपने जीवन में धर्म, साधना और ध्यान की ओर आकर्षित करता है। यह समय कर्मों के परिणामों के बारे में सोचने और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने का होता है। इन कारणों से खरमास को शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। हालांकि, यह सिर्फ एक सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यता है, जो समाज में सदियों से चली आ रही है।

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समाज और परिवार में एकजुटता: खरमास का समय घर-परिवार में शांति और सामंजस्य बनाए रखने का होता है। क्योंकि इस दौरान सामान्यतः विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्यों से बचा जाता है, इसे ध्यान और साधना के समय के रूप में देखते हैं। साथ ही यह समय परिवार में एकजुटता और सामूहिक धर्म कार्यों के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।

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खरमास और तंत्र-मंत्र का संबंध: तंत्र विद्या और अन्य आध्यात्मिक अभ्यासों में भी खरमास के समय विशेष महत्व होता है। इस दौरान व्यक्ति अपनी साधना और ध्यान में अधिक समय देता है और विशेष तंत्र-मंत्र का अभ्यास करता है। यह समय शुद्धि और ऊर्जा के पुनर्निर्माण के लिए उपयुक्त होता है।

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आध्यात्मिक शुद्धि: कई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास का समय आत्मिक शुद्धि का होता है। यह समय किसी भी प्रकार के मानसिक अशांति या नकारात्मकता को दूर करने के लिए होता है। साधक इस समय को अपने जीवन को फिर से संवारने और आंतरिक शांति प्राप्त करने के लिए प्रयोग करते हैं।  

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Content Writer

Niyati Bhandari

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