Karwa chauth: करवाचौथ की मिठास से 7 जन्मों तक बना रहेगा साथ
punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 02:38 PM (IST)
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Karwa Chauth 2024: शादी एक जन्म का नहीं, बल्कि सात जन्म का रिश्ता माना जाता है। यही कारण है कि करवाचौथ का व्रत पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए ही नहीं, बल्कि सात जन्मों तक उसका साथ पाने के लिए रखा जाता है। हर पत्नी की यही तमन्ना होती है कि उसे वही पति सात जन्म तक मिले। आज जिस तरह से रिश्ते चुटकियों में टूट जाते हैं, उसे देख कर लगता है कि जन्म-जन्म तक साथ निभाने की इच्छा होने के बावजूद आखिर कमी कहां रह जाती है कि यह संबंध कभी कारण से, तो कभी बिना कारण ही तलाक की कगार तक पहुंच जाता है? आखिर बिना पछतावे के किसी के साथ आजीवन रहने के लिए क्या किया जाए कि इस रिश्ते में करवाचौथ की मिठास हमेशा कायम रह सके।
समझदारी जरूरी
शादी ऐसा रिश्ता है, जिसमें पति-पत्नी को आजीवन साथ रहना होता है और विवाह को सफल बनाने के लिए दोनों में धैर्य, सहनशक्ति और समझदारी की आवश्यकता होती है। विवाह कोई क्षणिक आनंद नहीं, जिसे भोगा और भुला दिया। पुरानी पीढ़ी जहां अपने वैवाहिक रिश्ते को हर कठिनाई के बावजूद बनाए रखने का प्रयास करती थी, वहीं आज की पीढ़ी रिश्ते को तोड़ कर अलग रहते हुए सुकून से जिंदगी बिताने की बात करती है।
त्याग की भावना
विवाह के रिश्ते को बनाए रखने के लिए पति-पत्नी को जहां अपने अंदर त्याग की भावना पैदा करनी चाहिए, वहीं उन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण भी करना चाहिए। क्रोध में बोले गए शब्द सामने वाले के मानस पटल पर स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं। क्रोध में चुपचाप वहां से हट जाएं और किसी भी अप्रिय स्थिति को टाल दें। कभी भी जीवन साथी पर और न ही एक-दूसरे के माता-पिता पर दोषारोपण करें।
विपरीत रुचियों में खुशी
यदि आपकी अपने जीवन साथी से कोई रुचि मेल नहीं खाती तो इसमें निराश या हताश होने वाली कौन-सी बात है। आप एक-दूसरे की भिन्नता और समानता की परवाह किए बिना एक-दूसरे में रुचि लें, उसमें ही अपनी खुशियां तलाशें। अपने जीवन साथी के बारे में सकारात्मक सोच रखना ही सही मायने में सफल शादी का मूल मंत्र है।
सहयोग करें
हर फैसले या काम में एक-दूसरे का सहयोग करना ही रिश्ते में प्रेम की उम्र बढ़ाता है। यदि आप अपने विवाह को दीर्घकालिक एवं सफल बनाना चाहते हैं, तो बिना किसी आवेश और आलोचना के एक-दूसरे का सहयोग करना तथा एक-दूसरे की कमियों को स्वीकारना होगा। आज की पीढ़ी ‘समझौता’ शब्द का अर्थ अपने ही हिसाब से निकालती है या उसका मजाक उड़ाती है, जबकि वास्तव में वैवाहिक रिश्ते में समझौते का मतलब आपसी समझदारी है।