इस कोने में बैठकर करें करवा चौथ की पूजा, मिलेगा मनोवांछित फल

punjabkesari.in Tuesday, Oct 15, 2019 - 04:39 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
पति-पत्नी के बीच में प्यार को बढ़ाने वाला पर्व करवा चौथ इस साल 17 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जा रहा है। कहते हैं कि इस दिन महिलाएं पूरा दिन निर्जल व्रत रखती हैं और चांद को देखने के बाद ही व्रत खोलती हैं। यह व्रत औरतें अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं। इसकी पूजा शआम के समय की जाती हैं। आज हम आपको वास्तु के हिसाब से बताने जा रहे हैं कि किस दिशा में बैठकर महिला को पूजा करनी चाहिए। 
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बता दें कि व्रत रखने से पहले सरगी खाने की रस्म पूरी की जाती है। सरगी खाते समय हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा में बैठकर सरगी ग्रहण करना चाहिए। इससे पूरा दिन अच्छा गुजरता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार करवा चौथ ही पूजा हमेशा घर में बने मंदिर या फिर घर के हॉल में करनी चाहिए। इससे पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। 

करवा चौथ की पूजा करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जब आप खड़ें हो तो आपका मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो। वास्तु के अनुसार इन दोनों दिशाओं को पूजा के लिए शुभ माना जाता है।
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जब करवा चौथ की पूजा के दौरान आप चंद्रमा को जल चढ़ाएं तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जल चढ़ाते समय हमारी दिशा उत्तर-पश्चिम ही हो।

करवा चौथ ही पूजा होने के बाद बचा हुआ अपना शेष समय आपको अपने पति के साथ बिताना चाहिए। ऐसा करने से पति और पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है। 

करवा चौथ के दिन दोपहर का समय आपको अपने परिवार दोस्तों या फिर पति के साथ दक्षिण-पूर्व दिशा में बिताना चाहिए। इस दिशा को शुभ माना जाता है। 
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व्रत के बाद उपवास तोड़ते समय पूर्व दिशा की ओर बैठकर खाना खाना चाहिए। इस दिशा को सकारात्मक उर्जा का प्रतीक माना जाता है।


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