Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर करें ये सरल उपाय, बनाएं अपने वैवाहिक रिश्ते को और भी मजबूत
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 01:00 AM (IST)

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Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के अटूट प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए कामना करती हैं। यह पावन दिन न सिर्फ व्रत-पूजा का है बल्कि ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने का भी एक सुनहरा अवसर है। यदि आपके दांपत्य जीवन में भी किसी तरह की अनबन, तनाव या दूरियां आ रही हैं, तो करवा चौथ के दिन किए गए ये विशेष उपाय आपके रिश्ते में फिर से मिठास और खुशहाली भर सकते हैं। वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए करवा चौथ के दिन करें ये ज्योतिषीय उपाय:
गौरी-शंकर की पूजा और सुहाग सामग्री अर्पित करें:
करवा चौथ के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। माता पार्वती को अखंड सौभाग्य की देवी माना जाता है। पूजा के दौरान माता गौरी को सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, मेहंदी और लाल वस्त्र जैसी सुहाग की सामग्री अर्पित करें। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक परेशानियां दूर होती हैं।
भगवान गणेश को दूर्वा और लड्डू अर्पित करें:
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। किसी भी तरह की बाधा या समस्या को दूर करने के लिए उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है। करवा चौथ के दिन भगवान गणेश को दूर्वा घास और बेसन या बूंदी के पांच लड्डू अर्पित करें। साथ ही, 11 बार ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें। यह उपाय पति-पत्नी के बीच की गलतफहमियों और झगड़ों को दूर करने में मदद करता है। यदि गलतफहमी के कारण झगड़े होते हैं, तो गणेश जी को सिंदूर चढ़ाएं।
चंद्रमा को अर्घ्य में कच्चा दूध मिलाएं:
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, शीतलता, भावनात्मक संतुलन और रिश्तों का कारक माना जाता है। करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय लोटे के जल में कच्चे दूध की कुछ बूंदें मिलाएं। अर्घ्य देते समय भगवान शिव और चंद्र देव का ध्यान करें और पति की दीर्घायु तथा वैवाहिक जीवन में शांति की कामना करें। इसके बाद 11 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। यह मन को शांत करके रिश्ते में मधुरता लाता है।
सुहागिनों को सुहाग सामग्री का दान:
दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और ग्रहों की अनुकूलता बढ़ती है। व्रत रखने वाली महिलाएं पूजा के बाद कम से कम सात अन्य सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी और वस्त्र जैसी सुहाग की सामग्री अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। लाल सिन्दूर, इत्र, केसर और चने की दाल का दान करना भी शुभ माना गया है।