Kundli Tv- करवा चौथ पूजा के बाद खाने से पहले पढ़ें ये मंत्र, पति की उम्र होगी दोगनी

punjabkesari.in Saturday, Oct 27, 2018 - 02:39 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)

कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की  कर्क चतुर्थी अर्थात करवाचौथ का व्रत सुहागिनें और अविवाहित युवतियां अपने पति एवं भावी जीवन साथी की मंगल कामना और दीर्घायु के लिए सारा दिन निर्जल रह कर रखती हैं। इस दिन न केवल चंद्र देवता की पूजा होती है अपितु भगवान शिव पार्वती और स्वामी कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए गौरी पूजन का भी विशेष महत्व है। इसके साथ ही श्री गणेश जी का पूजन भी किया जाता है।

PunjabKesari
इस अवसर पर करवा की पूजा-आराधना कर उसके साथ शिव-पार्वती की पूजा का विधान है क्योंकि माता पार्वती ने कठिन तपस्या कर शिव जी को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था। इसलिए शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा का धार्मिक और ज्योतिष दोनों ही दृष्टि से महत्व है। 

PunjabKesari
दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें, इसे वर कहते हैं। उसके बाद 8 पूरियों की अठावरी, हलवा और पकवान बनाएं। उसके बाद पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं। ध्यान रहे गौरी को लकड़ी के आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उस पर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का शृंगार करें क्योंकि मां गौरी का सुहाग सामग्री से शृंगार करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। इसके बाद गौरी-गणेश की परम्परानुसार पूजा करें तथा पति की दीर्घायु की कामना करें।

करवाचौथ के दिन शाम को सभी सुहागिनें खूब सज-धज कर एक नियत स्थान पर इकट्ठी होती हैं और गोल घेरे में बैठ कर अपनी पूजा की थाली एक-दूसरे के साथ बांटती हुई करवा के गीत गाती हैं। इसी दौरान पंडित जी महिलाओं को करवाचौथ की कथा सुनाते हैं।

PunjabKesari
थाली बंटाते हुए गाएं यह गीत
वीरा कुड़िए करवड़ा, सर्व सुहागन करवड़ा,
ए कटी न अटेरीं न, खुंब चरखड़ा फेरीं ना,
ग्वांड पैर पाईं ना, सुई च धागा फेरीं ना,
रुठड़ा मनाईं ना, सुतड़ा जगाईं ना,
बहन प्यारी वीरां, चंद चढ़े ते पानी पीना,
लै वीरां कुडि़ए करवड़ा, लै सर्व सुहागिन करवड़ा।

PunjabKesari
करवा चौथ की पूजा के बाद इस एक मंत्र का जाप करने से पाया जा सकता है सदा सुहागन रहने का वरदान। 

PunjabKesari
 मंत्र  : 'नमः शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्‌। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥'

देवकीनंदन के बाद आरक्षण पर कथावाचक श्रीकृष्ण चंद्र शास्त्री का बड़ा ब्यान


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News