Kartik Purnima: धन-समृद्धि के लिए कार्तिक पूर्णिमा की शाम करें ये सिद्ध उपाय
punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2024 - 12:05 PM (IST)
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कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, देवता अपनी दिवाली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं इसलिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान को अधिक महत्व दिया जाता है। इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर दीप दान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं।
इसके अलावा पूर्णिमा की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी हैं और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संसार की शुरुआत से ही कार्तिक पूर्णिमा का सबसे अधिक महत्व रहा है क्योंकि यह बहुत पवित्र और शुभ दिन होता है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ उपाय बताए हैं। इन उपायों के करने से जीवन में सुख-शांति और धन समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, ज्योतिष शास्त्र के इन उपाय के बारे में…
तो चलिए अब आपको बता दें, कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले उपाय...
कार्तिक पूर्णिमा के दिन धन-संपदा की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और सांयकाल के समय जल में दीपदान भी ज़रूर करना चाहिए। ऐसा करने से महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और घर में बरकत होती है। इस स्तोत्र को पढ़ने-सुनने से धन-धान्य में कभी कमी नहीं आती।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी बैकुंठ धाम पहुंची थी और तुलसी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इस दिन सुबह-शाम तुलसी पूजन करें और तुलसी चालिसा का पाठ करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है इसलिए इस दिन चार जगह जरूर दीपक जलाने चाहिए। इस दिन तुलसी, जल, मुख्य द्वार और पूजा घर में दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और ग्रह-नक्षत्र शुभ फल प्रदान करते हैं।
पूर्णिमा के दिन जहां आप धन रखते हैं जैसे अलमारी या तिजोरी में लाल वस्त्र में कौड़ी, काली हल्दी, गोमती चक्र और एक सिक्का लपेटकर रख दें। मान्यता है कि इससे घर में धन संपत्ति की बरकत बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच प्रेमभाव बना रहता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं और 5 कुंवारी कन्याओं को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
कार्तिक पूर्णिमा की सुबह सूर्योदय पूर्व स्नान करके भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें और घी का दीप जलाएं। श्री विष्णु शतनाम स्तोत्रम् का पाठ करें। इससे पूरे महीने कार्तिक स्नान के समान पुण्य प्राप्त होता है और भोग एवं पुण्यलोक की प्राप्ति होती है।