Kartik Purnima 2021: इन उपायों को करने से होगा आपकी सारी समस्याओं का अंत

punjabkesari.in Saturday, Nov 06, 2021 - 05:10 PM (IST)

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19 नवंबर दिन शुक्रवार को इस वर्ष की कार्तिक पूर्णिमा तिथि है। यूं तो वर्ष की समस्त पूर्णिमा तिथियां खास होती हैं, परंतु कार्ति मास की इस पूर्णिमा तिथि को अत्यंत खास माना जाता है। इसे देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं कि इस दिन गंगा तट पर देवता स्नान करके दीप जलाकर स्वर्ग प्राप्ति का उत्सव मनाते हैं। अतः इस दिन पूजा पाठ के अलावा कई तरह के उपाय आदि किए जाते हैं। चलिए जानते हैं इन्हीं उपायों में से कुछ खास, जिन्हें इस दिन करने से व्यक्ति मालामास हो सकता है। साथ ही साथ व्यक्ति के जीवन की तमाम समस्याओं का अंत होता है और वह एक सुखी जीवन को व्यतीत करने का हकदार बनता है। 

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा यानि देव दिवाली के दिन चन्द्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति अनसूया और क्षमा इन छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन करना चाहिए। कहा जाता है ये स्वामी कार्तिक की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरुण हुताशन और सशूक ये सायंकाल में द्वार के ऊपर शोभित करने योग्य है। अतः इनका धूप-दीप, नैवेद्य द्वारा विधि वत पूजन करने से शौर्य, बल, धैर्य आदि गुणों में तथा धन-धान्य में भी वृद्धि होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन समस्त देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। जिस कारण इस दिन को दीपदान का अधिक महत्व है। प्रचलित परंपराओं के मुताबिक नदी, तालाब आदि जगहों पर दीपदान करने से व्यक्ति के सभी तरह के संकट समाप्त होते है। खासतौर पर अगर किसी व्यक्ति के सिर पर कर्जा हो तो उससे मुक्ति मिलती है। 

इस दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण अवश्य बांधे और दीपावली की ही तरह चारों और दीपक जलाने चाहिए। 

विशेष तौर पर इस दिन शालिग्राम के साथ ही तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करनी चाहिए। माना जाता है कि कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना जाता है। इसके अतिरिक्त देव दिवाली के दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत महत्व है। अतः इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल प्राप्त है। 
 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन दानादिका से दस यज्ञों के समान फल होता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो इस दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान करें। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। 


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Content Writer

Jyoti

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