Jitiya Vrat 2025: पीले धागे और नारियल से जुड़े जितिया व्रत के ये उपाय, जीवन को बनाएंगे सुखमय
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 02:00 PM (IST)

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Jitiya Vrat 2025: भारत में व्रत-उपवास केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि भावनाओं, आस्था और परिवार के कल्याण की सशक्त अभिव्यक्ति भी हैं। ऐसी ही एक विशेष परंपरा है जितिया व्रत जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए रखा जाता है। वर्ष 2025 में जितिया व्रत 14 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन यदि कुछ खास उपाय कर लिए जाए तो जीवन में चल रही परेशानी से तो मुक्ति मिलती ही है साथ में यदि आपके बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो इन उपायों द्वारा माताएं अपने बच्चों की सुरक्षा कर सकती हैं।
Do these special remedies on Jitiya fast जितिया व्रत पर करें ये खास उपाय
यदि आपके बच्चा बार-बार बीमार हो जाता है या फिर बीमार ही रहता है तो इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए व्रत वाले दिन लाल कपड़े को सरसों के तेल में भिगोकर नारियल पर बांध दें। इसके बाद इसी नारियल को बच्चे के सिर से 7 बार वारकार चलती नदी में प्रवाहित कर दें। ये उपाय आपके बच्चे को बुरी नजर से बचाने का काम करेगा।
इस दिन दान-पुण्य का बहुत महत्व होता है। इसलिए इस दिन अपने बच्चों के हाथ से भोजन और वस्त्रों का दान कराएं।
जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना से उपवास रखती हैं। इस खास अवसर पर वे पूजा करते समय ॐ नमो भगवते जीमूतवाहनाय नमः मंत्र का जप करती हैं। पूजा के दौरान ठेकुआ, गुजिया, फल और तरह-तरह की मिठाइयों का भोग भगवान को अर्पित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से संतान की रक्षा होती है और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद भी मिलता है।
जितिया व्रत के अवसर पर अपनी संतान की भलाई और उज्जवल भविष्य के लिए एक खास परंपरा निभाई जाती है। इस दिन संतान के हाथ में लाल या पीले रंग का धागा बांधा जाता है, जो उसकी सुरक्षा और शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही ग्यारह लोइयां (आटे की छोटी-छोटी गोलियां) बनाई जाती हैं, जिनमें तिल और लौंग को मिलाया जाता है। मान्यता है कि यह उपाय संतान के जीवन में आ रही बाधाओं और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में सहायक होता है। यह एक श्रद्धा और विश्वास से जुड़ी प्रथा है, जिसे कई लोग आस्था के साथ निभाते हैं।
जितिया व्रत के दौरान बरियार के पौधे की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह पौधा माता की बातें भगवान राम तक पहुंचाने वाला दूत माना जाता है। इसलिए संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए इस पौधे की श्रद्धापूर्वक पूजा करने का विशेष महत्व होता है। यह परंपरा आस्था से जुड़ी होती है और इसे संतानों के कल्याण की कामना के साथ निभाया जाता है।