Jatoli Shiv Temple in Solan, Himachal Pradesh: एशिया के सबसे ऊंचे जटोली शिव मंदिर में है स्फटिक मणि शिवलिंग

Thursday, Mar 28, 2024 - 10:20 AM (IST)

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Jatoli Shiv Temple in Solan, Himachal Pradesh: हमारा देश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां कई मंदिर हैं, जो अत्यधिक धार्मिक महत्व के साथ वास्तुशिल्प में भी खास हैं। ये मंदिर देशभर में हर साल लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वाराणसी और रामेश्वरम के प्रतिष्ठित मंदिरों से लेकर खजुराहो और कोणार्क के राजसी मंदिरों तक, हमारे देश के मंदिर विविध प्रकार के आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। 

Jatoli Shiva temple was built in 40 years 40 साल में बना था जटोली शिव मंदिर
हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर से 5 किलोमीटर दूर स्थित जटोली गांव में स्थित जटोली शिव मंदिर भी विशेष महत्व रखता है। इस मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यह 108 फुट ऊंचा मंदिर है जिसको बनाने में लगभग 40 साल का समय लगा था।

Asia's highest Jatoli Shiva temple एशिया का सबसे ऊंचा जटोली शिव मंदिर 
जटोली शिव मंदिर की वास्तुकला इंडो-आर्यन की एक विशिष्ट शैली से प्रेरित है। इसमें दक्षिण-द्रविड़ शैली की झलक भी दिखाई देती है। कहते हैं कि यह मंदिर एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। यह तीन पिरामिडों से बना है। पहले पिरामिड पर भगवान गणेश की छवि देखी जा सकती है, जबकि दूसरे पिरामिड पर शेषनाग की मूर्ति है तो तीसरे पर त्रिशूल है। मंदिर की संरचना के ऊपरी भाग को शिखर कहा जाता है। दूसरे भाग को विमान कहा जाता है, जो उच्चतम पिरामिड से थोड़ा नीचे है। यदि कोई पर्यटक पहाड़ी की चोटी पर स्थित किसी भव्य और शानदार मंदिर को देखना चाहता है तो जटोली शिव मंदिर उसके लिए उपयुक्त स्थान है। जटोली का नाम भगवान शिव की लंबी जटाओं (बालों) के कारण पड़ा है। 

वर्ष 1950 में स्वामी कृष्णानंद परमहंस जटोली में आए और उनके मार्गदर्शन में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। उन्होंने 1974 में इस मंदिर की नींव रखी और 1983 में उन्होंने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण जारी रहा और अब मंदिर की देखभाल मंदिर प्रबंधन समिति करती है।

मान्यता है कि मंदिर परिसर के आसपास पानी की कमी थी, इसलिए एक बाबा ने अपनी शक्ति से पास में ही एक तालाब बना दिया था। मंदिर समिति के अनुसार, एक नाथीराम राज-मिस्त्री था, जिसने इस मंदिर के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। 

There is a crystal gem Shivalinga in the temple मंदिर में है स्फटिक मणि शिवलिंग
करोड़ों रुपए से बने इस मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग भी स्थापित है। भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों के अलावा मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी है। 

 

Stories related to Jatoli Shiva Temple जटोली शिव मंदिर से जुड़ी कथाएं
जटोली शिव मंदिर के इतिहास के साथ कई दंतकथाएं और कहानियां जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि यह स्थान कभी भगवान शिव का विश्राम स्थल था।

मंदिर के पूर्वोत्तर कोने पर एक पवित्र सरोवर है, जिसे ‘जल कुंड’ कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर के पानी में कुछ औषधीय गुण हैं, जो त्वचा रोगों का इलाज कर सकते हैं। मंदिर के अंदर एक गुफा है जहां स्वामी कृष्णानंद परमहंस जी रहते थे। 

Famous Shivratri Fair at Jatoli Shiv Temple जटोली शिव मंदिर में प्रसिद्ध शिवरात्रि मेला
यह मंदिर अपने वार्षिक मेले के लिए भी प्रसिद्ध है, जो महाशिवरात्रि के त्यौहार के दौरान आयोजित किया जाता है। मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं।

How to reach Jatoli Shiv कैसे पहुंचें जटोली शिव मंदिर
By plane हवाई जहाज से : चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा है, जो यहां से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। मंदिर तक परिवहन के लिए हवाई अड्डे से कैब और बसें आसानी से उपलब्ध हैं।

By train ट्रेन से : लगभग 45 किलोमीटर दूर कालका रेलवे स्टेशन, जटोली शिव मंदिर जाने वाली ट्रेनों के लिए निकटतम स्टेशन है। वहां से, आगंतुक मंदिर तक जाने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।

By road सड़क द्वारा : हिमाचल में बेहतरीन सड़क नैटवर्क है और सोलन तक बस, टैक्सी या अपनी कार से आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

 

 

Niyati Bhandari

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