Janmashtami 2020: मंदिर में जाकर पूजा न कर पाने से हैं निराश तो ऐसे करें अपने निराशा दूर!

punjabkesari.in Tuesday, Aug 11, 2020 - 12:29 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कृष्ण जन्मोत्सव का त्यौहार न केवल हमारे देश में बल्कि कई विदेशों तक में धूम धाम से मनाया जाता है। जिसका अर्थात ये है कि न केवल हिंदुस्तान में बल्कि अन्य कई देश में भी श्रीृ कृष्ण के भक्त हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार कृष्ण जन्मोत्सव को के दिन भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अपना आठवां अवतार अवतार लिया था। बता दें श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की रात व रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। यूं तो इस दिन हर तरफ श्री कृष्ण के नाम का गुणगान होता है, लोग धूमधाम से इनके आगमन की तैयारियां करते हैं और इनका स्वागत करते हैं। परंतु इस बार कोरोना ने पूरी दुनिया को जकड़़ रखा है। जिस कारण जन्माष्टमी का पर्व उस धूमधाम से नहीं मनाया जाएगा, जिस तरह से हर साल में मनाया जाता है। खबरों की मानें तो मथुरा तक में जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के मंदिर आने पर रोक लगा दी गई है। तो वहीं देश के अन्य कई प्राचीन मंदिर भी इस दौरान बंद रहने वाले हैं। ऐसे में बहुत से लोग निराश हो चुके हैं कि किस तरह वो घर पर रहकर श्री कृष्ण को प्रसन्न कर सकते है। तो आपको बता दें आपकी इस निराशा को हम दूर करेंगे। जी हां, अपनी वेबसाइट के माध्यम से हम आपको ऐसे खास उपाय बताने वाले हैं जिन्हे अपनाकर आप घर बैठ श्री कृष्ण की कृपा पा सकते हैं।
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धार्मिक ग्रंथों व शास्त्रों में श्री कृष्ण के स्वरूप का जो वर्णन मिलता है उसके अनुसार श्री कृष्ण अपने मुकुट पर मोर पंख सजाते थे। यानि ये इनके शृंगार में भी शामिल है। ऐसे में अगर जन्माष्टमी पर जातक पूरे श्रद्धा से इन पर मोर पंख अर्पित करता है उसकी समस्त इच्छाएं पूरी होती हैं। 

श्री कृष्ण की बांसुरी का दीवाना तो हर कोई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में जब श्री कृष्ण बांसुरी बजाते थे, तो सारे गोकुल की गोपियां सब कुछ छोड़-छाड़ कर उनके पास आ जाती थ और मुरली की धुन में खो जाती थी। कहा जाता है श्री कृष्ण के जिस चित्र या प्रतिमा में इनके हाथ में बांसुरी नही होती वो अधूरी होती है। ठीक वैसे इसके बिना इनकी पूजा भी पूरी नहीं मानी जाती। वास्तु के अनुसार इसे घर में रखने से पति पत्नी के जीवन में प्यार आता है। तो वहीं पूजा संपन्न करने के बाद बांसुरी को घर के उस स्थान पर रखा जाए जहां पैसे हों तो घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। 
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चूंकि श्री कृष्ण गाय चराते थे, जिस कारण श्री कृष्ण जो की ग्वाला भी कहा जाता है। शास्त्रों में श्री कृष्ण से जुड़ी कई ऐसी कथाएं मिलती है जिसमें गाय चराते समय इन्होंने लीलाएं की हैं। इसलिए कहा जाता है जन्माष्टमी के दिन घ में गाय न बछड़े की छोटी सी प्रतिमा लाएं और विधि वत इनका पूजन करें। कहा जाता है इससे पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही साथ संतान के जीवन में आ रही मुश्किलें दूर होती हैं। 

मान्यताएं हैं कि श्री कृष्ण को जन्माष्टमी के दिन 56 भोग अवश्य लगाने चाहिए। कहा जाता है इससे  भगवान श्री कृष्ण बहुत प्रसन्न होते हैं तथा सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अगर ऐसा करना संभव न हो तो पूरी श्रद्धा से इन्हें शुद्ध माखन व मिश्री का भोग लगाएं। इससे भी श्री कृष्ण को प्रसन्न होते हैं। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री हरि और देवी लक्ष्मी को पारिजात के पुष्प अधिक प्रिय है। और क्योंकि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार हैं इसलिए जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण को पारिजात के फूल ज़रूर अर्पित करें। 
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Jyoti

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