जन्माष्टमी 2020: इस स्तुति का पाठ करने से मिलेगा बाल गोपाल का शुभाशीष

punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2020 - 06:22 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जन्माष्टमी का उत्सव भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने माता देवकी के गर्भ से श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। कहा जाता है प्रत्येक व्यक्ति इस दिन श्री कृष्ण के आगमन की खुशी मे झूमता है, नाचता है। हालांकि इस बार की जन्माष्टमी की बात करें इस बार धार्मिक स्थलों पर जिस तरह से ये हर साल ये त्यौहार मनाया जाता है, वैसे नही मनाया जाएगा। क्योंकि कोरोना  के चलते इस बार लगभग सभी मंदिरो में जन्माष्टमी के त्यौहार को धूम धाम से मनाने से मना कर दिया गया है। ताकि मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा कम हो और बढ़ रहे कोरोना के खतरे को रोका जा सके। ऐसे में बहुत से लोग ये सोचकर निराश हो चुके होंगे कि इस बार को जन्माष्टमी के शुभ अवसर अपने बाल गोपालको खुश नहीं कर सकेंगे न ही उनकी भव्य दर्शन सकेंगे। तो आपको बता दें आप घर बैठे श्री कृष्ण को खुश कर सकते हैं। 
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कैसे? आइए बताते हैं कैसे-
दरअसल धार्मिक शास्त्रों में हर देवी-देवता से जुड़े बीज मंत्र के साथ साथ इनकी स्तुतियां भी दी है। ऐसे में भगवान विष्णु, महादेव तथा ब्रह्मा देव तो परमात्मा है, यानि ईश्वर। तो इनकी स्तुति व बीज मंत्रों का जप तो अधिक लाभ दिलाएगा। 

इसी कड़ी में आगे हम आपको बताने वाले हैं भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण की एक स्तुति के बारे में जिसका जप आपको श्री कृष्ण का शुभाशीष दिला सकता है। 

कृष्ण अष्टकम स्तोत्र
चतुर्मुखादि-संस्तुं समस्तसात्वतानुतम्‌।
हलायुधादि-संयुतं नमामि राधिकाधिपम्‌॥1॥

बकादि-दैत्यकालकं स-गोप-गोपिपालकम्‌।
मनोहरासितालकं नमामि राधिकाधिपम्‌॥2॥

सुरेन्द्रगर्वभंजनं विरंचि-मोह-भंजनम्‌।
व्रजांगनानुरंजनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥3॥

मयूरपिच्छमण्डनं गजेन्द्र-दन्त-खण्डनम्‌।
नृशंसकंशदण्डनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥4॥
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प्रसन्नविप्रदारकं सुदामधामकारकम्‌।
सुरद्रुमापहारकं नमामि राधिकाधिपम्‌॥5॥

धनंजयाजयावहं महाचमूक्षयावहम्‌।
पितामहव्यथापहं नमामि राधिकाधिपम्‌॥6॥

मुनीन्द्रशापकारणं यदुप्रजापहारणम्‌।
धराभरावतारणं नमामि राधिकाधिपम्‌॥7॥

सुवृक्षमूलशायिनं मृगारिमोक्षदायिनम्‌।
स्वकीयधाममायिनं नमामि राधिकाधिपम्‌॥8॥
इदं समाहितो हितं वराष्टकं सदा मुदा।
जपंजनो जनुर्जरादितो द्रुतं प्रमुच्यते॥9॥

॥ इति श्रीपरमहंसब्रह्मानन्दविरचितं कृष्णाष्टकं सम्पूर्णम्‌ ॥
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मान्यता है जन्माष्टमी पर इसका जप करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 


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Jyoti

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