जिस घर में होता है यह काम, वहां मां अन्नपूर्णा बरसाती हैं अपना आशीर्वाद

punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2023 - 10:31 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

एक  बार सम्राट विक्रमादित्य अपने सेनापति और मंत्री के साथ रथ पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। मार्ग में उन्होंने देखा कि सड़क पर धान के दाने बिखरे पड़े हैं। उन्होंने अपने सारथी से कहा, ‘‘सारथी, रथ रोको। यहां भूमि हीरों से पटी पड़ी है। जरा मुझे हीरे उठाने दो।’’

PunjabKesari Inspirational Story

उनके मंत्री ने भूमि की ओर देखा  और बोले, ‘‘महाराज, संभवतया आपको भ्रम हुआ है। भूमि पर हीरे नहीं, धान के दाने पड़े हुए हैं।’’

सम्राट विक्रमादित्य तुरंत रथ से नीचे उतरे और धान के दानों को बटोर कर अपने माथे पर लगाया। ऐसा करके उन्होंने अपने मंत्री की ओर देखा और बोले, ‘‘मंत्री जी, आपने पहचानने में भूल की है। असली हीरा तो अन्न ही होता है। अन्न से ही सबका पेट भरता है। इसीलिए अन्न को हमारे ऋषि-मुनियों ने श्रद्धापूर्वक अन्नदेव कहकर सदैव उसका सम्मान करने की प्रेरणा दी है। अत: अन्न के प्रत्येक दाने का आदर करना चाहिए। अन्न का यह दाना किसी हीरे से कम कैसे हो सकता है?’’

PunjabKesari Inspirational Story

सम्राट विक्रमादित्य के ऐसा कहने पर अचानक उनके मंत्री को अहसास हुआ कि जैसे साक्षात अन्नपूर्णा वहां खड़ी होकर सम्राट विक्रमादित्य को आशीर्वाद दे रही हों कि जिस राज्य का राजा अन्न के प्रत्येक दाने का इतना सम्मान करता हो उस पर उनका सदैव आशीर्वाद रहेगा और वह राज्य सदैव अन्न के अक्षय भंडार से परिपूर्ण रहेगा।

PunjabKesari Inspirational Story

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News