Inspirational Context: जानें, क्यों माफ़ी है सुकून की पहली सीढ़ी?
punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 06:01 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Context: विश्व में ऐसी कौन-सी चीज है जो सभी मांगना चाहते हैं, परन्तु देना नहीं चाहते। अधिकांश लोगों का उत्तर होगा पैसा, परन्तु यह गलत उत्तर है, क्योंकि इसका सही उत्तर है ‘क्षमा’ - जी हां। हम सभी से जिंदगी में जाने-अनजाने में गलतियां तो होती रहती हैं। परंतु जब हम खुद गलती करते हैं तो सामने वाले से हम यह स्वाभाविक अपेक्षा रखते हैं कि वह अपना दिल बड़ा करके हमें क्षमा कर दे पर यदि किसी और से गलती होती है तब उन्हें क्षमा करने में हमारा हृदय विदीर्ण हो जाता है। भला ऐसा क्यों? क्षमा लेने में तो हम बड़े आशावादी बन जाते हैं, परंतु देने में बड़े निराशावादी क्यों? जरा सोचिएगा कभी इस पर!
क्षमा एक ऐसा विशिष्ट गुण है, जिसमें कोई व्यक्ति अन्य द्वारा, अपने साथ किए गए दुर्व्यवहार या अपराध से दुखी न होकर, बदले में उसके प्रति सहृदयता पूर्ण व्यवहार करता है। क्षमा शीलवान का शस्त्र और अहिंसा का अस्त्र है। क्षमा, प्रेम का परिधान है। क्षमा विश्वास का विधान है, सृजन का सम्मान है, नफरत का निदान है, पवित्रता का प्रवाह है। क्षमा, नैतिकता का निर्वाह है, सद्गुण का संवाद है। क्षमा शक्ति है, धर्म है, दुर्बलता नहीं। अपने में दंड देने की शक्ति होते हुए भी दोषी को दंड न देना, यही तो क्षमा है।
क्षमा, क्षमाशील का आत्मिक बल है जो दयालुता, परोपकार, नि:स्वार्थता, त्याग तथा समदृष्टि जैसे अनेक गुणों के रूप में परिलक्षित होता है।शास्त्रों में कहा गया है कि ‘क्षमा करना बहुत बड़ा दान है’। क्षमा देने वाले की तरह, क्षमा मांगने वाला व्यक्ति भी महान ही होता है क्योंकि वह न केवल अपनी गलती को स्वीकार करता है, अपितु भविष्य में उस गलती को न दोहराने का संकल्प लेकर अपने मन से सदा के लिए निंदा, नफरत, क्रोध व दुर्भावना को सम्पूर्ण समाप्त कर देता है।