Inspirational Concept: बहुत लम्बी है जीवन की यात्रा
punjabkesari.in Wednesday, Oct 13, 2021 - 02:32 PM (IST)

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संत शाह अशरम अली एक बार सहारनपुर से लखनऊ जा रहे थे। रेलवे स्टेशन पर उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि सारा सामान तुलवाकर उसका रेल भाड़ा अदा कर दें। उस गाड़ी का गार्ड उनका भक्त था। वह बोला, ‘‘इसकी आवश्यकता नहीं है। मैं साथ चल रहा हूं।’’
शाह साहब ने पूछा, ‘‘तुम कहां तक जाओगे?’’ गार्ड बोला, ‘‘मैं बरेली तक चलूंगा। आप ङ्क्षचता न करें।’’
‘‘भाई मुझे तो और आगे जाना है’’ शाह साहब ने कहा। गार्ड बोला, ‘‘बरेली से जो गार्ड लखनऊ तक जाएगा, मैं उसे कह दूंगा। आपको किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होगा।’’
बर्खुरदार, मेरा सफर बहुत लम्बा है। शाह जी ने मुस्कुराते हुए कहा।
‘‘गार्ड को उनकी बात पर बहुत आश्चर्य हुआ लेकिन आपको तो लखनऊ जाना था?’’ वह बोला।
‘‘ठीक है अभी तो लखनऊ तक ही जाना है, परन्तु जीवन की यात्रा बहुत लम्बी है। वह खुदा के पास जाने पर ही खत्म होगी। वहां पूरे सामान का किराया न चुकाने के गुनाह की सजा से मुझे कौन बचाएगा।’’
गार्ड लज्जित हो गया। शिष्यों ने सारा सामान तुलवाकर पूरा रेल भाड़ा चुका दिया।