हिंदू धर्म में इन मालाओं को क्यों माना जाता है खास ?
punjabkesari.in Thursday, Feb 14, 2019 - 01:49 PM (IST)
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हिंदू धर्म में मंत्र साधना का बहुत महत्व है। ज्योतिष के अनुसार किसी भी देवी देवता तो खुश करने के लिए उनकी पूजा के साथ-साथ विभिन्न मंत्रों का जाप भी किया जाता है। मंत्रों के बारे में तो सभी जानते ही होंगे लेकिन बहुत कम लोग होंगे जिन्हें ये पता होगा कि मंत्र साधना के लिए अलग-अलग प्रकार की मालाओं का उपयोग किया जाता है। कहते हैं इन मालाओं में इतनी शक्ति होती है कि इन्हें धारण करते ही देवता अपनी अपार कृपा बरसाते हैं। तो आइए जानते हैं हिंदू धर्म में उपयोग होने वाली मालाओं का जिसकी मदद से ईष्टदेव को खुश किया जा सकता है।
चंदन माला
अक्सर आप सब ने देखा होगा कि देवी-देवताओं को चंदन का तिलक लगाया जाता है, जिसके चलते हम भी चंदन का तिलक माथे और गले पर लगात हैं। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि चंदन की तासीर ठंडी होती है। इसके साथ ही ये चंदन लगाने से मन को शांति मिलती है और दैवीय कृपा प्राप्त होती है। चंदन की तरह ही हिंदू धर्म में चंदन की माला का मंत्र साधना के लिए उपयोग किया जाता है। कहते हैं चंदन की वजह से ही हिंदू धर्म में चंदन की माला का महत्व है। बता दें चंदन की माला का ज्यादातर प्रयोग वैष्णव परंपरा के लोग अपनी साधना के दौरान करते हैं। मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण के मंत्रों का उच्चारण सफ़ेद चंदन की माला से करने से अधिक लाभदायक माना जाता है।
स्फटिक माला
हिंदू धर्म में चंदन की माला की तरह स्फटिक की माला का भी मंत्र साधना के लिए उपयोग किया जाता है। चंदन की माला जैसे इसे भी धारण करने से मन शांत रहता है। इसके अलावा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के आस-पास किसी प्रकार की नकारात्मक शाक्ति भटक रही हो तो इस माला से मंत्र जप करने से या इसे धारण करने से उससे छुटकारा मिल जाता है। बता दें कि इस माला का विशेषकर मां सरस्वती की साधना-आराधना में इस्तेमाल होता है।
रुद्राक्ष माला
ज्योतिष और हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार शैव परंपरा के यानि शिव जी के भक्त उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए अपने शरीर में रुद्राक्ष धार करते हैं। इसका नमूना प्रयागराज कुंभ 2019 के आयोजन में आए साधुओं आदि को देखकर लगाया जा सकता है। मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष की माला से मंत्रोच्चारण करने देवों के देव महादेव शिव बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
वैजयंती माला
चंदन की माला के अलावा वैष्णव परंपरा के लोग अपने इष्टदेव की साधना में वैजयंती माला का खास प्रयोग करते हैं। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण को यह माला अधिक प्रिय है। यही कारण है इनके भक्त इन्हें खुश करने के लिए इस माला से मंत्र साधना करते हैं और इसे धारण भी करते हैं। ज्योतिष में इस माला के फायदे बतात हुए कहा गया है कि इसे धारण करने वाले व्यक्ति के शत्रु भी मित्र बन जाते हैं। तो वहीं इसे धारण करने वाले के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
हल्दी माला
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को अंजाम देने से पहले हल्दी का प्रयोग ज़रूर किया जाता है। फिर वो कई को कोई पूजा-पाठ हो या शादी जैसा कोई संस्कार। कहा जाता है कि भोजन आदि में उपयोग होने वाली हल्दी केवल सेहत से ही नहीं बल्कि हमारे सौभाग्य से भी जुड़ी हुई होती है। मान्यता के अनुसार भगवान गणेश और देवगुरु बृहस्पति हल्दी की माला से जप करने पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। तो वहीं मां बगलामुखी भी इस माला से जाप करने वालों पर जल्दी ही अपनी कृपा बरसाती है। संतान और ज्ञान की प्राप्ति के लिए इस माला से जाप करना लाभदायक माना जाता है।
तुलसी माला
इतना तो सब जानते ही हैं कि हिंदू धर्म में तुलसी के पौधा को कितना पावन माना जाता है। तो ज़ाहिर सी बात है कि इसकी माला भी उतनी ही महत्वपूर्ण होगी। बता दें कि वैष्णव परंपरा से जुड़े लोग न सिर्फ भगवान के प्रसाद में तुलसी के पत्ते का प्रयोग करते हैं बल्कि तुलसी माला को धारण करते हैं। मान्यता है कि इस माला से जप करने पर साधक को कई यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है तो वहीं इसकी माला धारण करने वाले को सात्विक रहते हुए तमाम तरह के नियमों का पालन करना पड़ता है।
कमलगट्टे माला
ज्योतिष के अनुसार मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कमलगट्टे की माला का प्रयोग किया जाता है। मान्यता है कि इनके मंत्रों का उच्चारण करते समय इसी माला का उपयोग करना चाहिए, इससे साधना का दोगुना फल प्राप्त होता है। इसके अलावा अगर कोई आर्थिक तंगी के चलते परेशानियों से जुझ रहा हो तो उसे भी कमलगट्टे की माला को विधि-विधान से धारण करना चाहिए।
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