बुरी आदतों को बदलना चाहते हैं तो दिल में रखें ऐसी भावना

punjabkesari.in Saturday, Jan 21, 2017 - 03:17 PM (IST)

किसी गांव में एक लोहार रहता था। वह लोहे से बनाए गए अपने हथियारों और अन्य सामान की गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध था। उसने लोहे का सामान बेचकर काफी संपत्ति एकत्रित कर ली थी। एक रात गांव में डाकुओं ने डाका डाला। वह लोहार के घर भी पहुंचे और उसका सारा धन लूट लिया। उन डाकुओं ने लोहार को बेड़ियों में बांधकर जंगल में जिंदा छोड़ दिया। इस दौरान लोहार पूरी तरह शांत रहा। लोहार को बेड़ियां तोड़ने में महारत हासिल थी।

 

मगर जब वह बेड़ी तोड़ने के लिए उसकी जांच कर रहा था तो उसे एक कड़ी दिखाई दी। वह घबरा गया। उस कड़ी पर लोहार का बनाया हुआ पहचान चिन्ह बना हुआ था। उसे पता था कि उसके सामान की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। दरअसल उस कड़ी को तोड़ना असंभव था। मगर लोहार ने हार नहीं मानी। उसने अपना सारा अनुभव, बुद्धि और शक्ति उस कड़ी को तोड़ने में लगा दी। इस तरह प्रयास करने पर वह थोड़ी देर में बंधन से मुक्त हो गया। 

 

यही हाल हमारी आदतों का है। जब हम कोई आदत अपनाते हैं तो हम अपने गिर्द एक बंधन बना लेते हैं। जब हम उसके आदी हो जाते हैं, तब उससे छुटकारा पाना हमें असंभव लगने लगता है। हमें नहीं पता होता कि बंधन को मजबूत करने के पीछे हमारी ही मानसिकता है। यदि हम उसे तोड़ने के लिए दृढ़-संकल्प हो जाएं तो संसार की कोई भी शक्ति हमें उससे मुक्त होने से नहीं रोक सकती है। कहने का तात्पर्य यह कि आदतों को बदलना संभव है, बस उसके लिए हमारे दिल में इच्छाशक्ति, दृढ़-संकल्प चाहिए।


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