Holika Dahan upay: अपनी समस्याओं से बाहर निकलना है होली दहन पर करें ये उपाय, 100% समाधान बिना पैसे खर्च किए
punjabkesari.in Sunday, Mar 09, 2025 - 02:00 PM (IST)

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Holika Dahan Upay 2025: इतिहास में होली को विभिन्न राजाओं और शासकों ने अपनी शाही दरबार में मनाया था। खासकर मुग़ल काल में, सम्राट अकबर ने होली के दिन रंगों की होड़ को बड़ा महत्व दिया और एक भव्य होली उत्सव आयोजित किया, जहां उन्होंने अपने दरबार के सभी शाही अधिकारियों और विदेशी राजदूतों को भी इस उत्सव में शामिल किया। इस दौरान राजा और उनके मंत्री भी एक-दूसरे पर रंग डालते थे और सामूहिक भोज का आयोजन करते थे। वास्तव में होली पर्व भारत की सभी संस्कृतियों का संगम पर्व है। इस दिन सभी जन रंग अबीर गुलाल फैंकते हैं। पृथ्वी पर गिरे रंग मानो उस का शृंगार कर रहे हों। भारत की सांस्कृतिक एकता को समर्पित यह पर्व विरोधियों को भी समीप ले आता है। संपूर्ण भारत वर्ष में मनाए जाने वाले इस पर्व का केंद्र बिंदु मथुरा-वृंदावन तथा बरसाना की होली है। एकता, सद्भावना, आपसी प्रेम एवं भाईचारे का यह पर्व होली वास्तव में हमारे जीवन में हर्षोल्लास एवं उमंगों का रंग भर देता है। इस शुभ अवसर पर अपनी समस्याओं से बाहर निकलने के लिए करें ये उपाय-
धन वृद्धि के लिए होलिका में यह मंत्र ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं।
कार्यसिद्धि के लिए, खोपे के दो आधे-आधे कटोरे की शक्ल में टुकड़े कर लें। इसमें कपूर, काले तिल, बर्फी, सिंदूर, हरी इलायची, लौंग रख कर इस मंत्र की एक माला करें- ॐ ह्रीं क्लीं फट् स्वाहा ! सामग्री को काले कपड़े में बांध कर होलिका में 7 परिक्रमा करके अर्पित कर दें।
दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए रुई की 108 बत्तियां देसी घी में भिगो कर होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित एक-एक करके परिक्रमा करते हुए डालें।
यदि सरकार से बाधा है तो होलिका में उल्टे चक्र लगाते हुए आक की जड़ के 7 टुकड़े विरोधी का नाम लेते हुए डालें।
राज्य प्रकोप होने पर तेजफल और गेहूं की एक मुट्ठी होलिका में डालें।
किसी प्रकार का विवाद, दोस्तों से मनमुटाव हो तो एक मुट्ठी चावल और 7 फूटी कौड़ियां होलिका में भस्मित करें।
किसी प्रकार का भाइयों से मनमुटाव या भूमि विवाद हो तो 11 नीम की पत्तियां और लाल चंदन, होलिका दहन में अर्पित करें।
गले या वाणी या त्वचा संबंधी रोग के लिए हरी मूंग की एक मुट्ठी होलिका दहन में डालें।
खांसी, अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उल्टा घुमा कर 48 बादाम होलिका में समर्पित करें।