वास्तुगुरू कुलदीप सलूजा: युवाओं में बढ़ रहे हार्ट अटैक में है वास्तु की भूमिका

punjabkesari.in Tuesday, Mar 28, 2023 - 08:20 AM (IST)

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Heart attack is increasing in youngsters: पिछले कुछ वर्षों में नौजवानों में हार्ट अटैक आने के मामले अचानक बढ़ गये हैं। मीडिया से आये दिन खबरें मिल रही हैं जैसे ‘‘उज्जैन में 18 वर्ष के युवा लड़के की हार्ट अटैक से मृत्यु हुई’’, ‘‘वरमाला के समय दुल्हे को आया हार्ट अटैक’’, ‘‘8वीं में पढ़ने वाली छात्रा की स्कूल में हार्ट अटैक से मौत’’। इसी प्रकार कहीं डांस करते हुए, खेलते हुए, सड़क पर चलते हुए या फिर बैठे हुए भी अचानक लोग हार्ट अटैक का शिकार होते जा रहे हैं। जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है, तब तक उनकी मौत हो चुकी होती है।

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पहले सुनते थे कि ‘‘दिल का दौरा’’ यानि हार्ट अटैक बुजुर्गों को आता है, फिर सुनाई देने लगा मिडिल उम्र अर्थात् 40-60 वर्ष की आयु वाले लोगों को भी हार्ट अटैक आने लगा लेकिन वर्तमान में बहुत ही खतरनाक ट्रेंड सामने आया है कि 20-25 साल एवं इससे कम आयु के युवाओं एवं युवतियों को भी हार्ट अटैक आने लगे हैं और उनमें से कई लोगों की मृत्यु भी हो गई क्योंकि उन्हें इलाज कराने का मौका ही नहीं मिल पाया।

डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट अटैक आने की वजह है, खान-पान में कंट्रोल का न होना, रिच डाइट, तेल-घी अधिक मात्रा में खाना, एक्सरसाइज नहीं करना, सिगरेट व शराब का अत्यधिक उपयोग  इत्यादि। इसलिये दिल की बीमारी को ‘लाइफस्टाइल डिसीज’ भी कहा जाता है। अब देखने में आया है कि बड़े-बड़े सेलिब्रिटि, स्टार्स, एक्टर्स, लोग जो जिम में जा रहे हैं, दौड़ रहे हैं, अच्छी खासी फिट बॉडी और मसल्स हैं, वह भी हार्ट अटैक के कारण ट्रेडमिल पर धड़ाम से गिर गये। इसकी वजह प्रोटीन शेक और स्टेरॉइड्स इत्यादि का सही मात्रा में उपयोग न होना बताया जा रहा है।

ध्यान रहे, हार्ट अटैक आना अनहोनी नहीं है, यह होनी है क्योंकि दिल की बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है, उसके बाद हार्ट अटैक आता है एवं उससे मौत होती है। जिन घरों में हार्ट अटैक आ रहे हैं, उनमें दैनिक दिनचर्या, खान-पान और जो उपरोक्त बातें बताई हैं उसके साथ-साथ घर के वास्तुदोषों की भी अहम भूमिका है। ऐसे घरों में इस प्रकार के वास्तुदोष होते हैं-

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यदि किसी घर की पूर्व दिशा ढंकी हो और पश्चिम दिशा खुली हुई हो या पश्चिम दिशा में विशेषकर पश्चिम नैऋत्य कोण में किसी भी प्रकार की नीचाई जैसे रैम्प, भूमिगत पानी की टंकी, कुआं, बोरवेल, सेप्टिक टैंक, बेसमेंट, इत्यादि हो तो घर के पुरुषों को हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है।

यदि किसी घर की उत्तर दिशा ढंकी हो और दक्षिण दिशा खुली हुई हो या दक्षिण दिशा में विशेषकर दक्षिण नैऋत्य कोण में किसी भी प्रकार की नीचाई जैसे रैम्प, भूमिगत पानी की टंकी, कुआं, बोरवेल, सेप्टिक टैंक, बेसमेंट, इत्यादि हो तो घर की स्त्रियों को हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है।

इसके अतिरिक्त कम्पाऊण्ड वॉल या घर का दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा का कोना किसी भी रूप में बढ़ जाए या घर या कम्पाऊण्ड वॉल का मुख्यद्वार इसी कोने पर हो, ऐसी स्थिति में भी घर में हार्ट अटैक आने की संभावना रहती है।

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ध्यान रहे, यह बिल्कुल न सोचें कि जिनके घर वास्तु अनुकूल होते हैं, वहां रहने वालों को हार्ट अटैक नहीं हो सकता क्योंकि भाग्य से बढ़ कर वास्तु नहीं होता। यदि दैनिक दिनचर्या खराब हो, खान-पीन, आदि चीजों पर कंट्रोल न हो, सेहत का ध्यान नहीं रखें, तो दिल की बीमारी एवं अन्य दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं। कई मामलों में बीमारियां आनुवांशिक अर्थात ‘जैनेटिक’ भी होती हैं, ऐसे मामलों में बीमारी परिवार के सदस्यों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी प्राप्त होती है, चाहे घर का वास्तु कितना ही अच्छा क्यों न हो।

हां, यह बात जरूर है कि यदि घर का वास्तु अच्छा होता है तो हार्ट अटैक आने की संभावना कम होती है। यदि हार्ट की प्रॉब्लम होती भी है तो समय पर इलाज मिल जाता है, कम दवाइयों से आराम आता है और अनहोनी होने की संभावना नहीं के बराबर रहती है।

वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com

 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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